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बिना लैब के ही विज्ञान की पढ़ाई करते सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी

बेतिया । विज्ञान की पूरी पढ़ाई प्रयोग पर निर्भर है लेकिन जिले के अधिकांश सरकारी स्कूल बिना प्रयोगशाला के संचालित हो रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 11:37 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 11:37 PM (IST)
बिना लैब के ही विज्ञान की पढ़ाई करते सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी
बिना लैब के ही विज्ञान की पढ़ाई करते सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी

बेतिया । विज्ञान की पूरी पढ़ाई प्रयोग पर निर्भर है, लेकिन जिले के अधिकांश सरकारी स्कूल बिना प्रयोगशाला के संचालित हो रहे हैं। इस वजह से स्कूलों में विज्ञान विषय के छात्र-छात्राओं को डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक बनने का सपना पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है। वहीं शिक्षा विभाग की लापरवाही भी छात्रों के सपनों को पूरा करने में बाधा बनी हुई है। स्थिति यह है कि स्कूलों में बिना प्रयोगशाला में प्रायोगिक कार्य कराए बिना विज्ञान विषय की पढ़ाई छात्रों को कराई जा रही है। जिससे विज्ञान का सही ज्ञान छात्रों को नहीं हो पा रहा है। मालूम हो कि दसवीं और बारहवीं के विज्ञान विषय के छात्रों के लिए पढ़ाई के साथ प्रायोगिक कार्यों का अधिक महत्व है। इसके द्वारा रसायन, भौतिक, जीव विज्ञान विषय के प्रश्नों को प्रयोगशाला में प्रैक्टिकल के माध्यम से आसानी से समझाया जा सकता है। लेकिन प्रैक्टिकल कराने का कार्य अधिकांश स्कूलों में पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है। जिले के अधिकांश हाई व प्लस टू स्कूलों में विज्ञान शिक्षाकों की कमी है। प्रायोगिक पढ़ाई व परीक्षा के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर चितित हैं। हाईस्कूल के पाठ्यक्रम में 80 अंक लिखित और 20 अंक का प्रैक्टिकल पर दिया जाना है। इसी तरह इंटरमीडिएट के विज्ञान वर्ग में 30 अंक का प्रैक्टिकल अनिवार्य होता है। जिस स्कूल में प्लस टू तक की पढ़ाई होती है वहां एक कमरा में कमेस्ट्री, फिजिक्स एवं जूलोजी के प्रैक्टिकल के उपकरण ही नहीं रखा जा सकता है। तो प्रयोग करना दूर की बात है। दैनिक जागरण के अभियान कैसे बनेंगे विज्ञानी कड़ी में योगापट्टी प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय मिश्रौली की पड़ताल की गई तो पता चला कि यहां विज्ञान के छात्रों के लिए लैब का निर्माण ही नहीं किया गया है। मध्य विद्यालय को उत्क्रमित कर उच्च विद्यालय बना दिया गया। अभी वर्ग नवम एवं दशम में कुल 136 बच्चे अध्ययनरत हैं। वहीं शिक्षकों की भी व्यवस्था नहीं की गई। इस विद्यालय के नवमी व दसवीं के छात्र-छात्राओं को मध्य विद्यालय के शिक्षक पढ़ाते हैं। विद्यालय में लैब नहीं होने से बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। इस संबंध में प्रधानाध्यापक अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि विद्यालय में लैब की सुविधा नहीं है। बच्चों को पठन-पाठन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए मध्य विद्यालय के शिक्षक द्वारा ही बच्चों को शिक्षा दी जा रही है। इसको लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी को लिखित आवेदन दिया गया है। विद्यालय अपग्रेड होने के बाद भवन की कमी है। विद्यालय में लैब नहीं है जिससे छात्रों को थोड़ी परेशानी होती है। -------------------------------

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क्या कहते हैं छात्र

योगापट्टी प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय मिश्रौली के वर्ग दशम की महिमा कुमारी, अन्नू कुमारी, सीमा कुमारी, किश्मिता कुमारी, अर्जुन कुमार, संजीव कुमार, ऋषु कुमार, संदेश कुमार आदि प्रयोगशाला शिक्षा नहीं मिलने से अपने भविष्य को लेकर काफी चितित हैं। इन विद्यार्थियों ने बताया कि उनके विद्यालयों में प्रयोगशाला विज्ञान की पढ़ाई नहीं होती। वहीं कुछ छात्रों ने वैज्ञानिक प्रयोगशाला शिक्षा तो दूर शिक्षक के अभाव में अन्य विषयों की पढ़ाई भी प्रभावित होने की बात कही। अधिकांश विद्यार्थी कोचिग व ट्यूशन के सहारे पढ़ाई कर अपना भविष्य तलाश रहे हैं।


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