अब उच्च शिक्षा की पुस्तकों के लिए नहीं भटकेगें छात्र
साठी, सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को नगर या महानगर की खाक नहीं छानना पड़ेगा। इन्हें उच्च शिक्षा में उपयोग होने वाले पाठ्य पुस्तकों के लिए दर-दर की ठोकरें नहीं खानी पड़ेगी।
बेतिया। साठी, सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को नगर या महानगर की खाक नहीं छानना पड़ेगा। इन्हें उच्च शिक्षा में उपयोग होने वाले पाठ्य पुस्तकों के लिए दर-दर की ठोकरें नहीं खानी पड़ेगी। क्योंकि जागरूक लोगों ने इसकी व्यवस्था सुलभ ढंग से छोटे शहरों में भी करना शुरू कर दिया है। ऐसे में डॉक्टर, इंजीनियर, बीएड, आईटीआइ जैसे रोजगार परक शिक्षा के लिए उपयोग में आने वाली पुस्तकें अब आसानी से छोटे शहरों में उपलब्ध कराने की पहल शुरू हो गई है। यह समाज में बढ़ रहीं बेहतर व उच्च शिक्षा का नतीजा है कि शिक्षित व्यक्ति समाज का वह आईना है जो सही राह व दिशा दिखा सके। व्यवसाय के क्षेत्र में जब कोई पढ़ा लिखा नवजवान कदम उठाता है तो मुझे बहुत खुशी होती है। उक्त बातें साठी के मशहूर चिकित्सक डॉ मो. सलाउद्दीन ने रविवार को साठी बाजार में तकनीकी शिक्षा से जुड़े पाठ्यक्रम पुस्तक भंडारण का उद्घाटन करते समय कही। वही गोल्डेल पुस्तक भंडारण के संचालक हारून ने बताया कि शिक्षा संबंधी सभी तरह के पुस्तकों का भंडारण की गई है। ताकि इलाके के छात्र-छात्राओं को किसी तरह की दिक्कत न हो इसका ख्याल रखकर कदम उठाए है। वहीं मौके पर मौजूद प्रमुख दवा व्यवसायी मोहम्मद जैद ने कहा कि शिक्षित नौजवान को बेरोजगारी का रोना रोने के बजाय व्यवसाय के क्षेत्र में उतर कर अपनी किस्मत आजमानी चाहिए। व्यवसाय एक ऐसा क्षेत्र है इसमें कमाई का असीमित साधन है। अतिथियों ने तकनीकी पुस्तक भंडार के संचालक को इस कदम के लिए प्रशंसा की। मौके पर पूर्व जिला पार्षद कलीम गफ्फार, डॉ वसीउल्लाह, बालिका उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक शमीम अहमद, मो. जाबेद, गोल्डन ईरा पब्लिक स्कूल के शिक्षक मजहरुल शेख, नारद उपाध्यया, मो. उमर, तेज कुमार, सैफुल्ला, व्यास दुबे, छुरी बैठा, आलम खा, सद्दाम हुसैन आदि मौजूद रहे।