छात्र ने बताया-राज्य के मुख्यमंत्री का नाम नरेंद्र मोदी!
मैनाटांड़ अंचल क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का बुरा हाल है।
बेतिया। मैनाटांड़ अंचल क्षेत्र के सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का बुरा हाल है। आलम यह है कि सातवां के छात्र को बिहार के मुख्यमंत्री का नाम तक नहीं मालूम है। पूछने पर वह मुख्यमंत्री का नाम नरेंद्र मोदी बताता है, जबकि वे देश के प्रधानमंत्री हैं। अव्वल तो यह कि विद्यालय के छात्रों को प्रधानाध्यापक का नाम व सतरह का पहाड़ा भी नहीं आता है। एक ओर सरकार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए लाखों-करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, मगर धरातल पर व्याप्त कुव्यवस्था के कारण इसकी उपयोगिता व्यर्थ साबित हो रही है। छात्रों को सामान्य ज्ञान भी उपलब्ध कराने में शिक्षक कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। सबसे आश्चर्यजनक स्थिति शिक्षा विभाग की कल्याणकारी योजनाओं की है। देश के हर कोने में साफ सफाई के लिए अलख जगाई जा रही है, मगर आज भी कई ऐसे विद्यालय हैं जो इस संदेश से कोसों दूर है।
ऑपरेशन ब्लैकबोर्ड के तहत पेश है उत्क्रमित मध्य विद्यालय भलुवहिया की स्थिति
इनसेट
पढ़ाई के समय परिसर में खेलते नजर आये कई छात्र, दो शिक्षक रहे गैरहाजिर सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पड़ताल के लिए दैनिक जागरण की टीम इस विद्यालय में करीब 2 बजे पहुंचती है। विद्यालय में प्रधानाध्यापक समेत नौ शिक्षकों की पदस्थापना है। मगर प्रधानाध्यापक समेत सात शिक्षक ही विद्यालय में मौजूद मिले। शिक्षक राकेश राम एवं अब्दुल्लाह अवकाश पर हैं। वहीं विद्यालय में पठन-पाठन के समय बच्चे खेलते नजर आये। जागरण टीम वर्ग सात में प्रवेश करती है। विद्यालय के छात्रों से प्रधानाध्यापक का नाम पूछने पर अधिकतर छात्र यह बता नहीं पाए कि उनके प्रधानाध्यापक का नाम क्या है? वर्ग सात के एक छात्र को ब्लैकबोर्ड पर सतरह का पहाड़ा लिखने को कहा गया तो वह यह भी नहीं लिख पाया।इसी कक्षा की छात्रा सना प्रवीण से उसकी पंचायत के मुखिया का नाम पूछा गया तो उसने सही जानकारी दी। मगर, इसी वर्ग के एक छात्र से बिहार के मुख्यमंत्री का नाम पूछ गया तो उसने तपाक से नरेंद्र मोदी का नाम ले लिया। वहीं वर्ग आठ के राजीव कुमार, सरोज कुमारी, नेयाज आलम आदि को जनरल नॉलेज पर अच्छी पकड़ नजर आई।
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चापाकल बदहाल, एमडीएम रूम के पास कुत्तों ने डाला डेरा
विद्यालय परिसर में तीन चापाकल लगे हैं, जिसमें से एक खराब पड़ा है। छह शौचालय से चार खराब है। दो की स्थिति ठीक है। जो शौचालय ठीक है उसमें गंदगी का अंबार लगा है। छात्रों को शौचालय के लिए बाहर जाने की बाध्यता है। आलम यह है कि जहां बच्चों के लिए मीड डे मील तैयार होता है वहां आसपास में कुत्तों ने डेरा डाल रखा है। इससे विद्यालय में एमडीएम की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सीमा पर अवस्थित भलुवहिया विद्यालय परिसर की घेराबंदी व गेट नहीं रहने के करण विद्यालय के सामान असुरक्षित हैं। वहीं छात्रों को गेट के अभाव में किसी अनहोनी की आशंका निरंतर बनी रहती है। खेल मैदान भी व्यवस्थित नहीं दिखा। सभी वर्ग कक्ष अलग अलग लगे थे।
इनसेट बयान
अवकाश के कारण शिक्षकों की अनुपस्थिति कम है। इस कारण छात्र विद्यालय परिसर में खेल रहे हैं। विद्यालय की स्थिति सुधारने और गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई के लिए विद्यालय प्रशासन संकल्पित है।
रामचंद्र साह
प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित मध्य विद्यालय, भलुवहिया
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