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खतरनाक भवन से बगीचे में पहुंचा विद्यालय

बेतिया। नरकटियागंज : सरकार शिक्षा पर बजट का अच्छा हिस्सा खर्च कर रही है। विद्यालय भवनों का अंधाधुंध निर्माण किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 11:08 PM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 11:08 PM (IST)
खतरनाक भवन से बगीचे में पहुंचा विद्यालय
खतरनाक भवन से बगीचे में पहुंचा विद्यालय

बेतिया। नरकटियागंज : सरकार शिक्षा पर बजट का अच्छा हिस्सा खर्च कर रही है। विद्यालय भवनों का अंधाधुंध निर्माण किया जा रहा है। कई जगहों पर तो आलिशान भवन वर्षों से तैयार है, मगर शिक्षकों के अभाव में वे उपयोग में नहीं आ रहे। जबकि क्षेत्र में कुछ ऐसे विद्यालय भी हैं, जिनपर विभाग की नजर ही नहीं है। हालात यह कि वहां कभी भी बड़ी हादसा हो सकती है। वैसे खतरनाक भवनों में आए दिन अफरा-तफरी मचती हैं। इस कड़ी में धुमनगर पंचायत का प्राथमिक विद्यालय गदियानी टोला उर्दू अब भवन से बाहर निकलकर झोपड़ी और बागीचा में पहुंच गया है। एक तो समय से पहले भवन जर्जर हो गया। उपर 2017 की प्रलयंकारी बाढ़ ने उसे और भी खतरनाक बना दिया। भवन का छत वजूद खोने की ओर है। जबकि यहां करीब 400 नामांकित बच्चे है। विद्यालय पहुंचते ही बच्चों और शिक्षकों में एक तरफ बागीचा व डाली गई झोपड़ी में पठन पाठन की ¨चता, तो दूसरी तरफ खतरनाक भवन में बच्चों को जाने से रोकने में पहरेदारी करनी पड़ती है। ताकि कोई अनहोनी न हो जाए। जबकि विद्यालय द्वारा विभाग को कई बार खतरनाक भवन के बारे में लिखा गया। सचिव मीना खातून का कहना है कि पोषक क्षेत्र के अभिभावक विद्यालय भवन की हालत देख कर नाराज हैं। हमेशा आशंका बनी होती है कि कोई अप्रिय घटना ना घटे। एचएम जैनब खातून ने बताया कि गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। बागीजा में स्कूल चलाने की विवशता है। पूर्व के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा भवन की हालत देखकर उसमें अध्ययन अध्यापन करने से रोक लगा दिया गया। बच्चों के सवाल पर जोखिम उठाना कोई नहीं चाहेगा। परिसर में अधिक जगह भी नहीं है। बच्चों को उन कमरों में बैठाना खतरे से खाली नहीं है। ऐसे में विद्यालय का संचालन करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। काफी जोखिम उठाकर बरामदा में मीड डे मील बनाया जाता है। बता दें कि तेज हवा और बारिश के साथ सुरक्षा को लेकर तो शिक्षकों की बेचैनी और बढ़ जाती है। शिक्षक वीरेंद्र कुमार ¨सह, जनार्दन चौधरी, संजीदा बेगम, गजाला परवीन, गायत्री यादव और टोला सेवकों जगदीश बैठा व मदन राम का कहना है कि भवन के अभाव में चाह कर भी शांति के माहौल में समुचित शिक्षा देने में समस्या होती है। चूकि बगल से ही रास्ता है और इस वजह चहल पहल बनी रहती है। दूसरे के बगीचा में पढ़ाने पर मना भी किया जाता है। शहर अवस्थित रेलवे मध्य विद्यालय और प्राथमिक विद्यालय लोको कॉलोनी के समक्ष भी भवन का अभाव बच्चों की शिक्षा में कई वर्षों से बाधक बना हुआ है। ये विद्यालय बिगड़ते मौसम के साथ लगती छुट्टियों की घंटी

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प्राथमिक विद्यालय गदियानी टोला उर्दू, नगर अवस्थित प्राथमिक विद्यालय रेलवे लोको तथा रेलवे मध्य विद्यालय लगभग भवनहीन हो गए हैं। पुराने खतरनाक भवनों में पठन-पाठन मुश्किल हो गया है। इनमें एक विद्यालय बागीचे में चलने को विवश है तो एक तंगहाल रेल क्वार्टर में संचालित हो रहा है। ऐसे में आंधी और बारिश का मौसम देख छुट्टियां कर देनी विवशता होती है।

बयान

विद्यालय भवन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। अभी भवन के लिए आवंटन नहीं मिला है। मिलने के बाद गदियानी टोला उर्दू विद्यालय प्राथमिकता में है। गगन देव राम, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी


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