पर्यवेक्षिकाओं की दो पहिया वाहन सीखने की अनिवार्यता समाप्त
बगहा। बाल विकास परियोजना कार्यालयों में कार्यरत महिला पर्यवेक्षिकाओं के लिए एक खुशखबरी है ।
बगहा। बाल विकास परियोजना कार्यालयों में कार्यरत महिला पर्यवेक्षिकाओं के लिए एक खुशखबरी है । अब महिला पर्यवेक्षिकाओं को दोपहिया वाहन सीखने की आवश्यकता नहीं है । सेवा में अवधि विस्तार में बाधक बना दोपहिया वाहन चलाने की अनिवार्यता खत्म हो गई।
सरकार की ओर से महिला पर्यवेक्षिकाओं के लिए दो पहिया वाहन सीखने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। महिला पर्यवेक्षिका संघ की जिलाध्यक्ष वंदना कुमारी ने बताया कि पिछले दिनों प्रदेश स्तरीय संघ का एक प्रतिनिधिमंडल आईसीडीएस मंत्रालय के प्रधान सचिव एवं निदेशक से मुलाकात किया था । दोपहिया वाहन सीखने की अनिवार्यता को समाप्त करने समेत अन्य समस्याओं को लेकर एक ज्ञापन दिया गया था। साथ ही आग्रह किया गया था कि महिला पर्यवेक्षिका की समस्याओं पर विचार किया जाए । संघ की ओर से दिए गए ज्ञापन को विभाग ने स्वीकार कर लिया है । महिला पर्यवेक्षिका नियोजन नियमावली में संशोधन करते हुए तत्काल प्रभाव से दोपहिया वाहन सीखने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है । इसकी सूचना विभाग के निदेशक ने विभिन्न अधिकारियों को दे दी है । इस अनिवार्यता के समाप्त होने से सेवा अवधि विस्तार में तकनीकी बाधा नहीं होगी । महिला प्रवेशिका के 50 फीसद पद पर आंगनबाड़ी सेविका संवर्ग से तथा शेष 50 फीसद पद सीधी नियुक्ति से भरे जाएंगे । विभाग ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के निर्देश पर यह निर्णय लिया है । इस निर्णय से 10 वर्ष से अधिक समय से सेविका पद पर कार्य करने वाली महिलाओं को पर्यवेक्षिका पद पर प्रोन्नति का लाभ मिल सकता है । पहले से संविदा पर कार्यरत पर्यवेक्षिकाओं के प्रोन्नति के संदर्भ में भी विभाग स्तर पर नियमावली बन रही है । संभावना है कि शीघ्र ही पर्यवेक्षिकाओं की प्रोन्नति भी होगी।