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मोहर्रम चैक से हरिवाटिका तक दुकानदारों के दावे खारिज

पश्चिम चंपारण। मोहर्रम चैक से हरिवाटिका चौक तक बनी जिला परिषद की दुकानों के मामले में समाहर्ता के न्यायालय में गुरुवार को अंतिम सुनवाई हुई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 06:18 AM (IST)
मोहर्रम चैक से हरिवाटिका तक दुकानदारों के दावे खारिज
मोहर्रम चैक से हरिवाटिका तक दुकानदारों के दावे खारिज

पश्चिम चंपारण। मोहर्रम चैक से हरिवाटिका चौक तक बनी जिला परिषद की दुकानों के मामले में समाहर्ता के न्यायालय में गुरुवार को अंतिम सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान समाहर्ता ने दुकानदारों द्वारा प्रस्तुत किए गए दावों को खारिज कर दिया और इन दुकानों को खाली करने के लिए प्रक्रिया आरंभ करने का आदेश दिया है। बता दें कि हरिवाटिका चौकस से तीन लालटेन चौक पर सड़क का निर्माण किया जा रहा है और यह सड़क चैड़ा भी की जानी है। निर्धारित मापी में सड़क की अनुपलब्धता के कारण विभाग की ओर से बार बार जिला प्रशासन से निर्धारित भू भाग की मांग की जाती रही थी, लेकिन सड़क किनारे नाले के बाहर दुकानों का निर्माण कर लिए जाने से जिला प्रशासन को आवश्यक भू भाग उपलब्ध नहीं हो रहा था। उच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2004 में पारित एक न्यायादेश के आलोक में समाहर्ता ने इन दुकानदारों को नोटिस भेजकर जिला परिषद के साथ हुए एकरारनामा की मांग की जाती रही। लेकिन कई तिथियों पर चली सुनवाई के बाद भी एकरारनामा की प्रति प्रस्तुत करने में दुकानदार नाकाम रहे। जिला परिषद की ओर से कई लोगों को दुकानें आवंटित कर दुकानों का पक्का निर्माण कराया गया है। समाहर्ता के न्यायालय से इन दुकानदारों को नोटिस जारी कर दुकान खाली करने के लिए प्रक्रिया अपनाई गई। अधिकांश दुकानदारों द्वारा जिला परिषद की ओर से ली गई राशि का रसीद एवं किराया रसीद हीं प्रस्तुत किया गया। लेकिन समाहर्ता ने इन सभी दावों को असंतोषजनक करार देते हुए उनके दावे को खारिज कर दिया है। इधर जिला परिषद की दुकानों में अपना व्यवसाय कर रहे दुकानदारों ने कहा है कि वे समाहर्ता के न्यायालय से जारी आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय में जाएंगे।

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उच्च न्यायालय ने दिया आदेश

पटना उच्च न्यायालय ने वर्ष 2004 में दिए आदेश में जिला परिषद, नगर परिषद, नगर पंचायत की सड़क के किनारे की जमीन की बंदोबस्ती नहीं की जा सकती है। इसका इस्तेमाल सार्वजनिक उपयोग के लिए भविष्य में बनाए जानी वाली योजनाओं में किया जा सकता है। अन्यथा इस जमीन को खाली रखने की बात बताई गई है।


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