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हेलमेट पहनकर चलाइए बाइक, महफूज रहेगी जिदगी

नए व्हीकल एक्ट लागू होने के साथ ही सड़कों पर वाहनों के सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए पुलिस अभियान चला रही है। ग्रामीण इलाकों से लेकर बॉर्डर क्षेत्र तक संबंधित थानों की पुलिस जीपीएस लगे वाहनों के साथ निर्धारित स्थलों पर पहुंचती और वहां चेकिग अभियान चलाती।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 12:07 AM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 06:42 AM (IST)
हेलमेट पहनकर चलाइए बाइक, महफूज रहेगी जिदगी
हेलमेट पहनकर चलाइए बाइक, महफूज रहेगी जिदगी

नरकटियागंज। नए व्हीकल एक्ट लागू होने के साथ ही सड़कों पर वाहनों के सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए पुलिस अभियान चला रही है। ग्रामीण इलाकों से लेकर बॉर्डर क्षेत्र तक संबंधित थानों की पुलिस जीपीएस लगे वाहनों के साथ निर्धारित स्थलों पर पहुंचती और वहां चेकिग अभियान चलाती है। वाहन चालकों में नए एक्ट के लागू होने के साथ अधिक जुर्माना को लेकर खौफ है। यही वजह है कि सड़कों पर वाहनों खासकर दुपहिया वाहनों की संख्या कम हुई है। नरकटियागंज, सहोदरा और गौनाहा मुख्य पथों के अलावा शहर से निकलने वाली सभी सड़कों में छोटे चौक चौराहों पर पुलिस चेकिग प्वाइंट निर्धारित कर वहां पहुंचती है। इस जांच में आम लोगों के साथ साथ कई शिक्षकों को भी जुर्माना भरना पड़ा है, जबकि कई लोग चेकिग की सूचना प्राप्त कर कुछ दूर पहले ही वाहनों को पीछे मोड़ लेते हैं। शिकारपुर थाना क्षेत्र के बिनवलिया, कोइरगावा, धूमनगर चौक समेत कई ऐसे पॉइंट पुलिस के इस अभियान के लिए खास होते हैं। जहां आए दिन सघन अभियान में वाहन चालकों को जुर्माना अदा करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय यह कि वाहनों के पहुंचते ही वहां उपस्थित पुलिसकर्मी पहले हेलमेट की जानकारी लेते हैं और यह कहते नहीं चूकते कि भाई क्यों आप अपनी जिदगी के साथ साथ घर परिवार के चैन को भी खत्म करने का तरीका अपना रहे हो? हेलमेट पहनकर बाइक चलाइए। हम पुलिसकर्मियों की भी परेशानी कम होगी। सुरक्षित परिचालन कर सकेंगे और दुर्घटनाओं के बाद भी जीवन सुरक्षित रखने में आपको हेलमेट काम आएगा। फिर डीएल और प्रदूषण सर्टिफिकेट की बारी आती है। हालांकि पुलिस व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए वैसे वाहन चालकों को थोड़ी राहत देते हुए जुर्माना कर रही है जिनके पास जरूरी मानदंड के तहत इंश्योरेंस और प्रदूषण सर्टिफिकेट भी नहीं है। बॉर्डर क्षेत्र भिखनाठोरी और ठोरी का सफर करने वाले दुपहिया वाहन चालकों में भी अप्रत्याशित कमी आई है। हालांकि लोगों का कहना है कि वहां स्थानीय होने की वजह और उनसे हाथ मिलाने के साथ पुलिस की मेहरबानी भी काम आती है। बाबू, पंजाब से कमाकर लौटेगा बेटा तो खरीदेगा हेलमेट

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शहर के एक होटल में कार्यरत सुरेंद्र नामक एक मजदूर ने बताया कि बाबू, हमारा बेटा दो माह पहले दस हजार में एक पुरानी मोटरसाइकिल खरीदा है। कुछ दिन चलाया और उसके लिए कागजात जुटाने का प्रयास किया तो वाहन के ट्रांसफर का लफड़ा लग गया। मायूस मजदूर ने कहा कि बेटे ने उस मोटरसाइकिल को थक कर घर में रख दिया है कि पंजाब से कमा कर आएंगे तो हेलमेट खरीदेंगे और अन्य कागजात तैयार कराएंगे। ड्राइविग लाइसेंस भी नहीं है। गणित बैठाने लगा कि इन सबों को पूरा करने में उस गाड़ी का दाम लग जाएगा। फिर पकड़े गए तो वही हश्र होगा। इससे बढि़या है कि बाइक पर ही नहीं चलेंगे। पंजाब से कमा कर आएगा तो फिर देखा जाएगा। तब तक साइकिल से ही काम चलाएंगे। नए व्हीकल एक्ट के लागू होने से नियम विरुद्ध वाहन चलाने वालों कई लोगों में ऐसा दर्द भी देखा जा रहा है।


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