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रानी ने अस्पताल में जन्म दिया बेटा, घर पहुंची बेटी

बगहा। भैरोगंज थाना क्षेत्र के धर्मपुर गांव निवासी उपेंद्र चौधरी की पत्नी रानी देवी का रो रो कर बुरा हाल है। वह बार बार अपने बेटे को देखने की जिद कर रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Nov 2018 09:08 PM (IST)Updated: Sun, 04 Nov 2018 09:08 PM (IST)
रानी ने अस्पताल में जन्म दिया बेटा, घर पहुंची बेटी
रानी ने अस्पताल में जन्म दिया बेटा, घर पहुंची बेटी

बगहा। भैरोगंज थाना क्षेत्र के धर्मपुर गांव निवासी उपेंद्र चौधरी की पत्नी रानी देवी का रो रो कर बुरा हाल है। वह बार बार अपने बेटे को देखने की जिद कर रही है। वह यह मानने को तैयार ही नहीं है कि उसे बेटा नहीं बेटी हुई। ममता ऐसी की बेटी को भूख लगने पर दूध भी पिला रही है। जबकि अस्पताल प्रबंधन इस बात पर अड़ा है कि मानवीय भूल के कारण पंजी पर फीमेल बेबी के बदले मेल बेबी दर्ज हो गया। अनुमंडलीय अस्पताल में बच्चा बदले जाने का आरोप लगा रहे परिजन रानी की मनोदशा देखकर भयभीत है। रानी को प्रसव पीड़ा होने पर शनिवार की सुबह 10 बजे अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उसने एक पुत्र को जन्म दिया। पुत्र के जन्म की सूचना मिलने पर परिजनों में हर्ष व्याप्त हो गया। इसके बाद मिठाई मंगाकर परिजनों ने अस्पताल में मिले हर शुभेच्छु को मिठाई खिलाई। संध्या पहर छुट्टी मिलने के बाद बच्चे समेत घर लौट गए। घर लौटने पर बेटे की जगह बेटी देखकर परिजन अवाक रह गए। रविवार को अस्पताल पहुंचे परिजनों ने प्रबंधन पर बच्चा बदलने का आरोप लगाया। रविवार को परिजनों ने अस्पताल आकर विरोध करते हुए हेराफेरी का आरोप लगाया। पुलिस के समक्ष बच्चा बदलने का आरोप :-

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अनुमंडलीय अस्पताल में बच्चा बदले जाने की सूचना उपेंद्र चौधरी के ससुर दिनेश चौधरी ने लिखित रूप से दी। इसके बाद अस्पताल पहुंची पुलिस ने अस्पताल कर्मियों से पूछताछ की और परिजनों का बयान कलमबद्ध किया। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। बता दें कि इससे पूर्व भी अनुमंडलीय अस्पताल से एक तीन वर्षीय बच्चे की चोरी कर ली गई थी। पुलिस की दबिश बढ़ने के बाद आरोपी बच्चे को हरनाटाड़ में छोड़कर फरार हो गए। इस मामले में भी अस्पताल प्रबंधन की काफी किरकिरी हुई। पुलिस की तफ्तीश में भी चोरी के इस मामले में एक अस्पताल कर्मी की संलिप्तता की बात सामने आई थी। प्रबंधन बता रहा है मानवीय भूल :

बच्चे के बदले जाने का आरोप लगा रहे परिजन एक तरफ जहां हताश हैं वहीं दूसरी तरफ प्रबंधन का कहना है कि बच्चा बदला नहीं गया है बल्कि ए-ग्रेड नर्स के द्वारा मानवीय भूल के कारण पंजी में लड़की की जगह लड़का दर्ज हो गया है। कार्यरत ए-ग्रेड ने लिखित आवेदन देते हुए अपनी भूल स्वीकार की है। उसके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। तत्काल उसे प्रसव कक्ष से हटा दिया गया है। उपाधीक्षक डा. एस.पी.अग्रवाल ने बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है।


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