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रमजान सभी महीनों में अफजल, रोजा से खुश होते अल्लाह

रमजान रहमतों और नेमतों का महीना होता है। इसकी आमद पर हर साहबे इमाम को खुशी महसूस होती है। सभी अकीदतमंद बदली हुई दिनचर्या के हिसाब से काम करने लगते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Jun 2019 12:57 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jun 2019 12:57 AM (IST)
रमजान सभी महीनों में अफजल, रोजा से खुश होते अल्लाह
रमजान सभी महीनों में अफजल, रोजा से खुश होते अल्लाह

बगहा। रमजान रहमतों और नेमतों का महीना होता है। इसकी आमद पर हर साहबे इमाम को खुशी महसूस होती है। सभी अकीदतमंद बदली हुई दिनचर्या के हिसाब से काम करने लगते हैं। रमजान के पाक महीने में मुसलमानों और रोजेदारों की व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों दिनचर्या पूरी तरह से बदल जाती है। भूखे-प्यासे रहकर अल्लाह की इबादत करने वाले रोजेदारों को गर्मी व धूप में थोड़ी दिक्कत अवश्य है। सभी रोजेदार खुदा की इबादत में मशगूल हो जाते हैं। रमजान का महीना दुनियावी चीजों पर नियंत्रण रखने की साधना है। जिस रूह को हम साल भर भुलाए रहते हैं, माह-ए-रमजान उसी को पहचानने और जगाने का आयोजन है। रोजे में उपवास और जल-त्याग का मकसद यह है कि आप दुनिया के भूखे और प्यासे लोगों का दर्द महसूस कर सकें। रोजे में परहेज, आत्म संयम और जकात का मकसद यह है कि आप अपनी जरूरतों में थोड़ी-बहुत कटौती कर समाज के अभावग्रस्त लोगों की कुछ जरूरतें पूरी कर सकें। रोजा सिर्फ मुंह और पेट का ही नहीं, आंख, कान, नाक और जुबान का भी होता है।

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प्रचंड गर्मी पर नन्हे रोजेदारों का हौसला भारी

बड़े भीषण गर्मी के बावजूद नन्हें रोजेदार रोज रखने में किसी से पीछे नही रहते है। नगर के दीनदयाल नगर निवासी मुख्तार मियां की पुत्री सलमा खातून लगातार रोजा रख रही है। गर्मी को देख उसके परिजनों ने खुशी को रोजा रखने से मना किया। लेकिन, वह नहीं मानी। उसका कहना है कि सभी लोग नेकी कमाना चाहते है। मैं भी अल्लाह को राजी करके अपनी गुनाह को माफ करवाऊंगी। उसकी बात सुन कर सब चुप हो जाते है।

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डफाली टोला निवासी अकबर अली का पुत्र आतिफ अली भी रोजा रख रहा है। कहता है घर के सभी लोग रोजा रखते है। उनके साथ सेहरी खाने, नमाज पढ़ने के बाद एक साथ इफ्तार करना अच्छा लगता है। अल्लाह से अपने व पूरे परिवार को खुशहाल करने, जन्नत के लिये अल्लाह से दुआ मांगता हूं।

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दीनदयालनगर निवासी इम्तेयाज अहमद के पुत्र समीर अली सभी रोजे पूरी पाबंदी के साथ रखा है। वह कहता है कि अल्लाह को रोजा बहुत पसंद है। रो•ा में सब गुनाह अल्लाह माफ करता है। एक नेकी की जगह 10 नेकी देता है। अल्लाह से सबको माफ करने की दुआ करता हूं। अल्लाह मेरे घर के सभी लोगों के साथ सबको जन्नत देंगे।

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रत्नमाला निवासी जमील अंसारी की पुत्र नुसरत खातून सभी रोजा रखी है। वह कहती है कि अगर आप लोग सेहरी के समय नही उठाया तो मैं बगैर सेहरी के ही रोजा रखूंगी। रोजा में ही कुरान धरती पर आया था। अल्लाह एक नेकी पर 10 नेकी देता है। अल्लाह से बहुत कुछ इफ्तार के समय मांगती हूं।

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मौलाना जुबैर अली ने बताया कि रमजान सभी महीनों में अफजल होता है। इसी माह कुरान नाजिल हुआ था। हर मर्द व औरत पर रोजा फर्ज है। अल्लाह इस महीने सभी के गुनाहों को माफ करता है। इस पवित्र माह में अल्लाह बंदों पर मेहरबान रहता है। रोजे के साथ नमाज पढ़ना फर्ज है। तरावीह सुन्नत है। तरावीह की नमाज अवश्य पढ़नी चाहिए। आम दिनों के बजाय इस माह में एक नेकी पर अल्लाह 10 नेकी देता है। रोजा शरीर के सभी अंगों का होता है। सभी मुसलमान जिनके पास साढ़े बावन तोला चांदी या साढ़े सात सोना या इसकी कीमत का मालिक है। सदका, फितरा इस बार एक आदमी पर एक किलो सात सौ ग्राम गेहूं या इसकी कीमत निर्धारित की गई है।

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