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नरकटियागंज-मंगुराहा मुख्य सड़क से जुड़ेगा रमपुरवा बौद्ध स्थल

जिले के रमपुरवा स्थित बौद्ध स्थल (अशोक स्तंभ) की तस्वीर जल्द ही बदलेगी। वहा तक पहुंचने की राह सुगम और तकलीफों से मुक्त होगी। अभी तक सड़क कच्ची और उसमें गड्ढ़े होने के कारण बौद्ध अनुयायियों समेत पर्यटकों को वहा तक जाने में परेशानी होती थी। बरसात में तो मार्ग और दुरूह हो जाता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Aug 2021 11:39 PM (IST)Updated: Mon, 02 Aug 2021 11:39 PM (IST)
नरकटियागंज-मंगुराहा मुख्य सड़क से जुड़ेगा रमपुरवा बौद्ध स्थल
नरकटियागंज-मंगुराहा मुख्य सड़क से जुड़ेगा रमपुरवा बौद्ध स्थल

बेतिया । जिले के रमपुरवा स्थित बौद्ध स्थल (अशोक स्तंभ) की तस्वीर जल्द ही बदलेगी। वहा तक पहुंचने की राह सुगम और तकलीफों से मुक्त होगी। अभी तक सड़क कच्ची और उसमें गड्ढ़े होने के कारण बौद्ध अनुयायियों समेत पर्यटकों को वहा तक जाने में परेशानी होती थी। बरसात में तो मार्ग और दुरूह हो जाता है। करीब 750 मीटर लंबी सड़क को नरकटियागंज-मंगुराहा मुख्य पथ में रमपुरवा गाव के पास जोड़ा जाएगा। फिलहाल मिट्टी भराई के साथ पुलिया निर्माण का काम चल रहा है। इसके बाद सड़क की पिचिंग कराई जाएगी।

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मुख्य सड़क से पैदल जाने से मिलेगी मुक्ति : इस मार्ग से होकर गुजरने वाले सैलानियों को सड़क के अभाव में कष्ट का सामना करना पड़ता था। उन्हें मेन रोड पर स्थित रमपुरवा गाव में ही वाहनों को खड़ा कर बैग और अन्य सामग्री लेकर पैदल आना-जाना पड़ता था। ग्रामीण सुदर्शन लाल बताते हैं कि इस मार्ग में कुछ दूर तक सड़क बनी थी, लेकिन उसपर काम आगे नहीं बढ़ा है। मरम्मत नहीं होने पर वह भी खत्म हो गई।

वर्ष 2023 तक पूरा हो जाएगा काम : सड़क निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता संजय कुमार सिंह ने बताया कि नरकटियागंज से मंगुराहा तक मुख्य पथ का निर्माण किया जा रहा है। इससे लगनेवाले बौद्ध स्थल रमपुरवा और गाधी आश्रम भितिहरवा को कनेक्ट किया जा रहा है। कुल 25.173 किमी सड़क के निर्माण में 61.12 करोड़ खर्च किया जाना है। रमपुरवा गाव से अशोक स्तंभ तक निर्माणाधीन दो पुलियों में 90 फीसद काम पूरा हो चुका है। वर्ष 2023 तक निर्माण हो जाएगा।

हर साल आते हैं तीन हजार से अधिक पर्यटक : बौद्ध स्थल के केयर टेकर योगेंद्र माझी ने बताया कि सड़क बन जाने से पर्यटकों को सहूलियत होगी। उनकी संख्या भी बढ़ेगी। फिलहाल यहा हर साल जापान, तिब्बत, ताइवान, मलेशिया, चीन, नेपाल, श्रीलंका आदि देशों से तीन हजार से अधिक बौद्ध अनुयायी पहुंचते हैं। इनके अलावा देश के अन्य राज्यों से भी लोग आते हैं। यहा दो अशोक स्तंभ हैं, जिनमें एक पर वृषभ और दूसरे पर सिंह की मूíत है।

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