पौधे बांट सुधार रहे पर्यावरण की सेहत
मोतिहारी। दो शख्स लक्ष्य एक मगर अभियान अलग-अलग। ये हैं पूर्वी चंपारण के केशव कृष्णा और अमरेंद्र सिंह।
मोतिहारी। दो शख्स, लक्ष्य एक, मगर अभियान अलग-अलग। ये हैं पूर्वी चंपारण के केशव कृष्णा और अमरेंद्र सिंह। दोनों पिछले तीन साल से पर्यावरण संरक्षण में जुटे हैं। इनके प्रयास से अब तक तकरीबन 53 हजार पौधे लग चुके हैं। लोग इसके प्रति जागरूक भी हुए हैं।
शहर के बेलबनवा निवासी केशव चंपा वाटिका अभियान चला रहे। वे किसी के जन्मदिन, विवाह, समारोह या फिर स्कूल, कॉलेज व सरकारी कार्यालय में चंपा का पौधा लेकर पहुंच जाते हैं। इसे लोगों को लगाने के लिए देते हैं। 11 से लेकर 101 पौधे लगा उसे 'चंपा वाटिका' नाम देते हैं। इन पौधों की देखभाल व सुरक्षा का संकल्प दिलाने के साथ इससे पर्यावरण को होने वाले लाभ की जानकारी देते हैं। मंदिर-मस्जिद परिसर में भी पौधा लगाते हैं। नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर से लेकर पटना के सरकारी भवनों में भी चंपा के पौधे लगा चुके हैं। अब तो उनके साथ कुछ लोग भी जुड़ गए हैं, जिससे इस अभियान को गति मिली है। केशव बताते हैं कि उन्हें पर्यावरण संरक्षण की सीख मां रामझरी देवी से मिली। वे आवासीय परिसर में पौधा लगा उसे पानी देकर बड़ा करने में जुटी रहीं, ताकि स्वच्छ वातावरण मिल सके। मां के इस उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए एक संस्था की स्थापना की। बिना किसी सहयोग के अभियान चल रहा।
बचपन से पर्यावरण के प्रति प्रेम : दूसरी ओर, शहर के गांधीनगर रमना निवासी अमरेंद्र कुमार सिंह को बचपन से ही पर्यावरण के प्रति प्रेम था। कृषि में पीजी के बाद उन्होंने पहले जागरूकता अभियान चलाया, लेकिन बहुत सफलता नहीं मिलती देख खुद लोगों के बीच फलदार पौधे बांटने में जुट गए। तीन साल में लगभग तीन हजार लोगों के बीच पौधों का वितरण कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिला चुके हैं। अमरेंद्र जनसहयोग से मिली राशि इस पर खर्च करते हैं। इनके अभियान से प्रेरित हो मासूम खान, ब्रजकिशोर पांडेय, संजय वर्मा उर्फ टुन्ना जी, दरभंगा के पप्पूजी, जावेद अंसारी और अनवर आलम जुड़ गए हैं। अमरेंद्र बताते हैं कि उनका लक्ष्य इस साल 10 हजार पौधे लगाना है।
केशव कृष्णा के अभियान से जुड़ीं मीना मिश्रा, चंदा वर्मा व अनिता दीप बताती हैं कि हमें पर्यावरण की अहमियत समझनी होगी। जिले को हरा-भरा करने के लिए सभी का साथ जरूरी है।
वन प्रमंडल पदाधिकारी प्रभाकर झा कहते हैं कि पर्यावरण के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण करना होगा। इसके लिए सभी को आगे आने की जरूरत है। इन दोनों लोगों का काम प्रेरणादायी है।
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