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अब वीटीआर की सीमा में चलती ट्रेनों की रफ्तार मापेंगे वनकर्मी

बगहा। वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना की ओर से ट्रेनों से जानवरों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सख्त कदम उ

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 12:37 AM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 12:37 AM (IST)
अब वीटीआर की सीमा में चलती ट्रेनों की रफ्तार मापेंगे वनकर्मी
अब वीटीआर की सीमा में चलती ट्रेनों की रफ्तार मापेंगे वनकर्मी

बगहा। वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना की ओर से ट्रेनों से जानवरों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सख्त कदम उठाया गया है। नरकटियागंज-गोरखपुर रेलखंड में ट्रेनें वीटीआर के जंगल से होकर गुजरती हैं। मदनपुर वन प्रक्षेत्र की करीब छह किमी जंगल से होकर ट्रेन गुजरती है। ऐसे में जानवरों की सुरक्षा को लेकर वीटीआर प्रशासन बेहद गंभीर है। जानवरों की सुरक्षा के लिए जंगल एरिया में ट्रेनों के परिचालन का स्पीड निर्धारित किया गया है। ऐसे में उसका कड़ाई के साथ पालन कराने के लिए अब इस रेल ट्रैक पर गुजरने वाली ट्रेनों की स्पीड की मापी स्पीडो मीटर से शुरू कर दी गई है। इस कार्य के लिए वनकर्मियों की टीम को स्पीडो मीटर के साथ तैनाती किया गया है। यह टीम प्रतिदिन सुबह से शाम तक और रात के समय में भी स्पीडो मीटर के साथ हर ट्रेनों की स्पीड रहेगी। इस कार्य की मॉनीट¨रग मदनपुर वन क्षेत्र के रेंजर आनंद कुमार करेंगे। वन प्रमंडल दो के डीएफओ सह उप निदेशक गौरव ओझा ने बताया कि ऐसी सूचना मिली थी, कि दिन व रात के समय मे विभिन्न एक्सप्रेस व सवारी गाड़ियों के परिचालन में निर्धारित स्पीड का उल्लंघन किया जा रहा है। जंगल क्षेत्र में तेज गति से ट्रेनों का परिचालन होने से जंगली जानवरों की सुरक्षा पर खतरा है। सो, इसकी जांच कराने के लिए कर्मियों को तैनात किया गया है। इसी के तहत चार वनकर्मी स्पीडो मीटर लेकर रेल ट्रैक पर मुस्तैद रहते हैं।

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मुख्यालय को भेजेंगे रिपोर्ट

प्रतिदिन ट्रेनों के स्पीड मापी का रिपोर्ट जिला व राज्य वन मुख्यालय को भेजा जाएगा। वन विभाग के उच्चाधिकारी इस रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे। इसको लेकर रेलवे प्रशासन को भी जंगल क्षेत्र में ट्रेनों का स्पीड कम करने के लिए पत्र भेजा गया है। अगर निर्धारित स्पीड पर ट्रेनों का परिचालन नही हुआ तो रेलवे के विरुद्ध वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत कार्रवाई भी होगी।

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इस रफ्तार से चलनी है ट्रेन

नरकटियागंज- गोरखपुर रेलखंड में छह किमी वीटीआर की संरक्षित क्षेत्र में वन विभाग ने ट्रेनों की रफ्तार निर्धारित की है। रात में चलने वाली सभी गाड़ियां प्रति घंटे 25 किमी की रफ्तार से चलेंगी। क्योंकि रात में जानवर अपने अधिवास क्षेत्र से बाहर निकलते हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर लगातार हार्न बजाते हुए 25 किमी प्रति घंटे के रफ्तार से ट्रेन चलाना है। जबकि दिन में 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनों का परिचालन करने का आदेश दिया गया है। -------------------------------------------------------------------------------- इनसेट बयान :

जंगल के रास्ते से ट्रेन गुजरती है। इससे जानवरों की सुरक्षा पर खतरा रहता है। वन विभाग की ओर से वन क्षेत्र की सीमा में धीमी गति में ट्रेन चलाने व हार्न बजाते रहने का आदेश दिया गया है। इधर, ट्रेनों की रफ्तार तेज होने की सूचना मिली थी। इसको लेकर रफ्तार मापने के लिए कर्मियों को तैनात किया गया है।

-- गौरव ओझा, डीएफओ सह उप निदेशक, वीटीआर


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