बेतिया-बैरिया की लाइफलाइन पर प्रशासन की नजर नहीं
पिछले कई वर्षों से आशंका थी आखिरकार वही हुआ और बेतिया को दर्जनों गांवों से जोड़ने वाला संतघाट का पुल अचानक धंस गया है।
बेतिया। पिछले कई वर्षों से आशंका थी आखिरकार वही हुआ और बेतिया को दर्जनों गांवों से जोड़ने वाला संतघाट का पुल अचानक धंस गया है। इस कारण आवागमन बाधित है और लोगों को 15 किलोमीटर दूर तक का सफर तय करना पड़ रहा है। मामला संत घाट पुल का है। बता दें कि कई वर्षों से लोग संत घाट की पुल की स्थिति को देखकर भयभीत थे और जनप्रतिनिधियों से यह मांग लगातार उठाई जा रही थी कि इस पुल की मरम्मत की जाए अन्यथा यह टूट जाएगा, लेकिन जनप्रतिनिधियों के कानों पर जूं नहीं रेंगी। उन्होंने इस बात को नजरअंदाज कर दिया। लेकिन पुल की जर्जर स्थिति के बावजूद अपनी जान जोखिम में डालकर लोग इस पर यात्रा करते रहे। बता दें कि पुल से होकर प्रतिदिन कई बड़ी गाड़ियां जाती है,जिससे इस पुल को खासा नुकसान हुआ है। गैस एजेंसी के ट्रक से लेकर प्रतिदिन मिट्टी लदे ट्रैक्टरों के आवागमन से इस पुल को काफी छति हुई है। बैरिया प्रखंड के एक बड़े हिस्से को बेतिया से जोड़ने वाले इस पुल पर प्रतिदिन लाखों लोगों की आवाजाही होती थी, लेकिन इस पुल के धंसने के बाद अब लोग को खिरिया घाट के रास्ते होकर जाना पड़ रहा है जिससे उन्हें कई किलोमीटर का सफर अधिक करना पड़ रहा है। इस मामले में संत घाट के निवासी राजेश कुमार कृष्णा दास भूषण राय संजय कुमार आदि ने बताया कि नीचे की ओर से देखने पर उनकी जर्जर स्थिति पता चल जाती थी और यह लगता था कि पुल एक ना एक दिन जरुर गिर जाएगा और इस चलते कई बार इसकी मांग भी होती थी, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। अब अचानक इस पुल के धंसने के बाद आवागमन बाधित हो चुका है।
इनसेट
15 किलोमीटर का फेरा लगाकर बेतिया आ रहे ग्रामीण
प्रखंड के आधे से अधिक पंचायत को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाले पखनाहा-बेतिया मुख्य सड़क पर चंद्रावत नदी पर बना पुल करीब 3 फीट तक धंस गया है। इस कारण बेतिया-बैरिया का सीधा संपर्क भंग हो गया है। आवागमन पूरी तरह ठप है। बैरिया के लिए लाइफ लाइन माने जाने वाले इस पुल से आवागमन बंद होने के बाद भी किसी अधिकारी ने अब तक इसकी सुधि नहीं ली है। जिसको लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। पुल धंसने के बाद स्थानीय लोगों के द्वारा पुल पर ईंट का दीवार खड़ा कर दिया गया है ताकि कोई बड़ा हादसा नहीं हो सके। हालांकि पैदल एवं साइकिल मोटरसाइकिल से लोग आ जा रहे हैं। जिससे प्रखंड के आधे से अधिक पंचायत एवं योगापट्टी प्रखंड के कुछ हिस्से के लोगों को जिला मुख्यालय आने का मात्र एक ही रास्ता बचा है। इस रास्ते से आने में लोगों को करीब 15 किलोमीटर अतिरिक्त फेरा लगाना पड़ रहा है। पुल पहले से ही जर्जर हो गया था। जिसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार प्रदर्शन भी किए। इसकी शिकायत विभागीय पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से भी की थी।
भितहां पंचायत के पूर्व मुखिया प्रत्याशी नंदलाल साह ने बताया कि यह पुल अंग्रेजों के जमाने का बनाया हुआ है। इसकी देखरेख की गई होती हो शायद पुल नहीं धंसता। पुल धसने से लोगों को 15 किलोमीटर की उल्टी दूरी तय करनी पड़ रही है।