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बरसात बाद बदले जाएंगे गंडक बराज के तीन गेट

पश्चिमी चंपारण। बाढ़ पूर्व तैयारी के तहत चार सदस्यीय टीम ने शनिवार की दोपहर गंडक बराज के फाटकों का निरीक्षण किया गया। बरसात बाद गंडक बराज के तीन गेट बदले जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 08:53 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 06:11 AM (IST)
बरसात बाद बदले जाएंगे गंडक बराज के तीन गेट
बरसात बाद बदले जाएंगे गंडक बराज के तीन गेट

पश्चिमी चंपारण। बाढ़ पूर्व तैयारी के तहत चार सदस्यीय टीम ने शनिवार की दोपहर गंडक बराज के फाटकों का निरीक्षण किया गया। बरसात बाद गंडक बराज के तीन गेट बदले जाएंगे। टीम ने बराज के फाटकों, ऑटो मेंशन सिस्टम से गेटों का परिचालन समेत अन्य जानकारियां भी विभाग के अधिकारियों से ली। गंडक बराज से जीपीआरएस सिस्टम से जल संसाधन विभाग पटना को गंडक बराज के डिस्चार्ज एवं गेटों के परिचालन के साथ ही तटबंधों की अद्यतन जानकारी ली। बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य की भी जानकारी व बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों के लिए विभागीय स्तर पर उपलब्ध सामग्री की भी जानकारी ली।

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मुख्य अभियंता पटना (यांत्रिक) नरेन्द्र तिवारी ने अधिकारियों को आपसी तालमेल से बाढ़ अवधि के दौरान चौकस रहने के साथ ही सूचना का आदान-प्रदान और आपसी सहयोग से कार्यों का निष्पादन करने पर बल दिया । इस दौरान टीम ने गंडक बराज के सभी 36 गेटों के परिचालन का भी अवलोकन करते हुए संबंधित अन्य जानकारियां ली।

पत्रकारों से बातचीत में श्री तिवारी ने कहा कि गंडक बराज भारत-नेपाल के आपसी सहयोग और मित्रता की अनूठी मिसाल का नमूना है। जिसे देखने की इच्छा सभी की होती है। उन्होंने कहा कि गंडक बराज के सभी 36 गेटों की सफलता पूर्वक संचालन कर जांच की गई है । सभी गेट जांच में दुरस्त मिले हैं । हालांकि, लाक डाउन के कारण नेपाल सीमा सील होने से एफलेक्स बांध सहित अन्य कटाव रोधी कार्य अधूरे पड़े हैं।

इस बाबत नेपाल के अधिकारियों से वार्ता की जा रही है । नेपाल प्रभाग में 15 जून से पूर्व सुरक्षात्मक कार्य पूरा कर लेना है । बरसात के बाद तीन गेट क्रमश: 29,31,34 को बदला जाएगा । अभी बाढ आने में कुछ वक्त शेष है। बावजूद इसके अभियंताओं की टीम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। गंडक बराज के अधिकारी एवं सिचाई यांत्रिक के अधिकारियों के सहयोग से कुशल प्रबंधन से गंडक बराज के गेटों का संचालन किया जा रहा है। चार सदस्यीय टीम में मुख्य अभियंता पटना के अलावा, मुख्य अभियंता मुजफ्फरपुर शांति रंजन, अधीक्षण अभियंता मुजफ्फरपुर (यांत्रिक) के के वर्मा, जलसंसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता जफर रशीद खान, कार्यपालक अभियंता जमील अहमद एवं अब्दुल क्यूम मौजूद रहे । <ढ्डद्धड्ड>--<ढ्डद्धड्ड>--<ढ्डद्धड्ड>--<ढ्डद्धड्ड>--<ढ्डद्धड्ड>--<ढ्डद्धड्ड>--<ढ्डद्धड्ड>--<ढ्डद्धड्ड>--<ढ्डद्धड्ड>--<ढ्डद्धड्ड>---

साढ़े आठ लाख क्यूसेक है डिस्चार्ज क्षमता

बताते चलें कि गंडक बराज की डिस्चार्ज क्षमता साढ़े आठ लाख क्यूसेक है । लेकिन नदी के तलहटी में सिल्ट जमा होने के कारण इसकी डिस्चार्ज क्षमता में कमी आई है । 23 जुलाई 2002 को 6 लाख 29 हजार जल दबाव के कारण गंडक बराज का दायां एफलेक्स बांध टूट गया था । जिससे सीमावर्ती नेपाल में व्यापक क्षति हुई थी ।


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