बाढ़ से पहले पहुंची एनडीआरएफ की टीम
------ सहायक समादेष्टा जेपी के नेतृत्व में टीम ने शहर के विपिन स्कूल में डाला डेरा बेतिया। पिछली
------ सहायक समादेष्टा जेपी के नेतृत्व में टीम ने शहर के विपिन स्कूल में डाला डेरा
बेतिया। पिछली बार आई बाढ़ और उस दौरान अचानक बचाव कार्य में हुई परेशानी को देखते हुए इस बार सरकार ने बाढ़ आने से पहले ही प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ की टीम को भेज दिया है। इस कड़ी में एनडीआरएफ की नौवीं बटालियन की एक टीम ग्रुप कमांडर सह सहायक समादेष्टा जेपी प्रसाद के नेतृत्व में बेतिया जिला मुख्यालय पहुंच गई। टीम ने शहर के विपिन स्कूल में अपना डेरा भी डाल लिया है। टीम में करीब तीन दर्जन अधिकारी व जवान शामिल हैं। इस बार टीम में चिकित्सक व तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल हैं। यह टीम यहां के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर बाढ़ पूर्व तैयारियों का भी जायजा लेगी और उसके अनुरूप अपना एक्शन प्लान तैयार कर उसे बाढ़ आने पर अंजाम देगी। इसके पूर्व टीम यहां के बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर उन्हें जागरूक करेगी। उन्हें बाढ़ पूर्व तैयारी के लिए आवश्यक जानकारी देंगे। साथ ही बाढ़ से बचाव को लेकर आम लोगों को टिप्स भी देंगे। टीम कमांडर के रुप में आरके मीणा और तारकेश्वर साहू शामिल हैं। सरकार ने इस बार बाढ़ आने से पहले एनडीआरएफ की टीम को प्रभावित जिलों में भेजा है ताकि, टीम के सदस्य भौगोलिक स्थिति से वाकिफ रहें। लोगों को समय पूर्व जागरूक भी करते रहें। साथ ही बाढ़ से बचाव के उपकरणों को भी समय से पहले दुरुस्त रखने की कोशिश करें। सहायक कमांडेंट जेपी प्रसाद ने बताया कि नौवीं बटालियन की छह टीमें बाढ़ प्रभावित विभिन्न हिस्सों के लिए निकल चुकी है। इस बार किसी को भी कोई परेशानी नहीं होगी। जवान लोगों को बचाने के लिए जान की बाजी तक लगा देते हैं। बाढ़ पूर्व तैयार किए जाएंगे मोटरबोट व अन्य उपकरण
सहायक कमांडेंट जेपी प्रसाद ने बताया कि बाढ़ आने के पहले सभी मोटरबोट व उपकरणों को दुरुस्त कर लिया जाएगा। इसके लिए तकनीकी विशेषज्ञ भी टीम के साथ आए हुए हैं। बेतिया और मोतिहारी को दस-दस मोटरबोट आवंटित किए गए हैं। इसमें चार मोटरबोट जिले को प्राप्त हो चुके हैं। शेष मोटरबोट पटना में है। उसे भी जल्द मंगा लिया जाएगा। मोतिहारी में दस मोटरबोट प्राप्त है उसे भी एक बार फिर से अपडेट कर लिया जाएगा। खाली बंद बोतल और केले का थंब बाढ़ में काफी कारगर
सहायक कमांडेंट जेपी प्रसाद ने बताया कि बाढ़ के पहले वे प्रभावित गांवों में जाकर लोगों को बाढ़ के समय उत्पन्न परेशानियों को दूर करने की तरकीब भी सीखाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने बताया कि गांवों में फेंकी पड़ी खाली बंद बोतलें और केले के पेड़ बाढ़ के दौरान काफी कारगर हो सकते हैं। अगर चार-पांच खाली बोतलों के ढक्कन ठीक से बंद कर व्यक्ति के कमर में बांध दिए जाएं तो वह व्यक्ति को डूबने से बचा लेता है। इसी प्रकार कई अन्य तरकीब हैं जिसे बाढ़ के समय आजमाया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण जागरुकता है और अफवाहों की जगह हौंसले व संयम सबसे महत्वपूर्ण है।
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