नैनीताल कांड: आंखों देखी:
बेतिया । नैनीताल के मुक्तेश्वर थाना क्षेत्र डोसापानी गांव। तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही थी।
बेतिया । नैनीताल के मुक्तेश्वर थाना क्षेत्र डोसापानी गांव। तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही थी। काम- धंधा बंद था। घर से निकलने में भी डर लग रहा था। एक झुग्गीनूमा कमरे में बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के साठी थाना क्षेत्र के बेलवा एवं योगापट्टी थाना क्षेत्र के मच्छगांवा के चार तथा उत्तरप्रदेश के दो मजदूर रह रहे थे। 18 अक्टूबर की शाम में चावल और आलू की सब्जी बनी। सभी मजदूरों ने खाए और सो गए। 19 अक्टूबर की अल सुबह यहीं कोई 4:30 बज रहे थे। अचानक भुस्खलन में झुग्गीनूमा कमरे पर एक बड़ा सा दीवार गिर पड़ा। जहां ये झु़ग्गी थी , उससे ऊपर में जमीन की बाउंड्री के लिए दीवार बनी थी। कमरे सो रहे छह मजदूरों में से किसी को चीखने और पुकराने का मौका भी नहीं मिला। मलवे में सबके के सब दब गए। जहां यह घटना हुई, वहां से करीब 50 फीट ऊंचे पहाड़ बने मकान में आठ मजदूरों के साथ साठी थाने के बेलवा गांव के नेहाल अहमद रहता था। नेहाल ठीकेदार है। उसी के माध्यम से सभी मजदूर काम करने के लिए गए थे। पहाड़ गिरने की सूचना नेहाल को मिली। पहले उसने मोबाइल से संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन, मोबाइल नहीं लगा तो वह पहाड़ से उतकर मौके पर पहुंचा। वहां की स्थिति देख सन्न रह गया।
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आधे घंटे में पहुंच गई पुलिस
ठीकेदार नेहाल ने बताया कि मजदूरों की झुग्गी पूरी तरह से मलवे में थी। उसने पुलिस को फोन की। आधे घंटे के अंदर पुलिस मौके पर पहुंच गई। आनन- फानन में मलवा हटाया जाने लगा। करीब सुबह के छह बज गए थे। करीब 20 मिनट के प्रयास के बाद मलवे में दबा बेलवा गांव के शंभु राम का पुत्र कारी राम(20) मिला। उसका पूरा शरीर मलवे में दबा था। लेकिन सिर बाहर था। उसकी सांसें चल रही थी। पुलिस ने कारी को तुरंत अस्पताल पहुंचा। दो घंटे की मशक्कत के बाद मलवे से एक- एक कर पांच शव निकाले गए। बेलवा गांव का धीरज कुमार कुशवाहा, इम्तियाज मियां, एवं योगापट्टी मच्छगांवा के जुमराती मियां तथा यूपी आंबेडकर नगर के हरेंद्र कुमार व विनोद कुमार की मौत हो चुकी थी।
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10 घंटे बाद आया कारी को होश
अस्पताल में जीवन- मौत से संघर्ष कर रहे कारी राम को करीब 10 घंटे बाद होश आया था। उसके कमर में गंभीर चोट है। वह अभी भी चल -फिर नहीं सकता। कारी ने बताया कि अस्पताल में उसके इलाज की बेहतर व्यवस्था थी। कंपाउंडर बता रहा था कि मेरे इलाज के लिए बिहार से किसी अधिकारी का फोन गया था। कारी ने पूछा कि मेरे और साथी कहां हैं तो कर्मियों ने बताया, उनकी तो मौत हो गई। तुम बहुत भाग्यशाली हो, जो बच गए। इतना सुनते हीं कारी फिर बेहोश हो गया।
---------------------------------- ठीकेदार नेहाल अहमद ने बताया कि प्रशासन का काफी सहयोग मिला। चिकित्सकों ने हलद्वानी में पोस्टमार्टम किया। वहां के रेजिडेंट कमिश्नर पलका साहनी के निर्देश पर मृतकों का शव दिल्ली लाया गया। साथ में घायल कारी राम व ठीकेदार नेहाल अहमद भी थे। सरकारी खर्चे से इन्हें इंडिगो विमान से पटना भेजा गया। वहां पहले से एंबुलेंस लेकर अधिकारी मौजूद थे और शवों को घर पहुंचा दिया।