खुद और स्वजनों की सुरक्षा के लिए जरूर लगाएं मास्क
बेतिया। कोरोना का वैक्सीन जब तक नहीं आ जाती तब तक मास्क ही वैक्सीन है यह बात प्रत्येक व्यक्ति
बेतिया। कोरोना का वैक्सीन जब तक नहीं आ जाती, तब तक मास्क ही वैक्सीन है यह बात प्रत्येक व्यक्ति को समझना जरूरी है। लेकिन अब भी कई लोग इसे लेकर गंभीर नजर नहीं हैं। फिलहाल बचाव के एकमात्र साधन मास्क के उपयोग से लोग परहेज कर रहे हैं। जबकि जिले से हर दिन नए मरीज सामने आ रहे हैं। हालांकि फिलहाल मरीजों की संख्या जरूर कम हुई है, लेकिन संकट बरकरार है। खतरा अभी टला नहीं है। बावजूद लोगों में महामारी से बचाव के उपाय अपनाने के प्रति लापरवाही देखी जा रही है। स्थिति यह है अब रैलियों में भी लोग बिना मास्क शामिल हो रहे हैं। गांव से लेकर शहर तक संक्रमण से सुरक्षा के लिए बनाए गए नियमों की अनदेखी हो रही है। हालांकि चिकित्सक फिलहाल लापरवाही से बाज आने की नसीहत दे रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि इसी तरह से लापरवाही होती रही तो आने वाले समय में संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ सकता है। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज का असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सुमित कुमार ने कहा कि जब तक कोरोना का टीका नहीं आ जाता है तब तक मास्क ही कोरोना की वैक्सीन है।कोरोना संक्रमण रोकने के लिए मास्क पहनना जरुरी है। सरकार ने भी यह अनिवार्य कर दिया है। खुद की सुरक्षा के साथ ही परिवार और समाज की सुरक्षा के लिए फिलहाल मास्क एवं फिजिकल डिस्टेंसिग ही विकल्प है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने के साथ ही सैनेटाइजर का भी उपयोग करें। अभी मास्क ही वैक्सीन है, कोरोना से स्वयं को, परिवार को और समाज को बचाने के लिए सभी लोग मास्क का उपयोग करें । उन्होंने कहा कि भीड़ भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें। चेहरे पर मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें। क्योंकि अभी मास्क ही हमें संक्रमित होने से बचा सकता है। बाहरी वस्तु को छूने के बाद अपने हाथ धोएं। सैनिटाइजर और साबून का का उपयोग करें। शारीरिक दूरी का पालन करें। बाजार भी खुल गए हैं। अनलॉक के दौरान लोगों की आवाजाही बढ़ गई है। जहां तक हो सके कई लोगों के बीच न जाएं। सावधानी रखें और अपना, परिवार व आसपड़ोस के लोगों का संक्रमण से बचाव करें।