Bagaha: 10 साल बाद अपनों से मिली मानसिक रोगी महिला, पांच बच्चों को देखकर छलक पड़े आंसू
सालों पहले रामनगर की सड़कों पर एक मानसिक रोगी महिला घूमा करती थी। कई साल तक नगर की सड़कों पर ही लोगों से मांगकर खा लेना। सड़क के किनारे रेलवे स्टेशन पर सो जाना यही दिनचर्या थी। एक समय महिला किसी ट्रेन में बैठ गई और बंगलूरू पहुंच गई।
रामनगर, संवाद सूत्र। करीब दस सालों तक नगर की सड़कों पर भीख मांग कर अपना जीवन गुजार चुकी एक मानसिक रोगी महिला की पहचान हो गई है।
थानाध्यक्ष अनंत राम के प्रयास से उस के घर परिवार का पता किया गया। इसके बाद एक एनजीओ के सहयोग से उसे परिवारवालों के पास भेज दिया गया।
सालों पहले रामनगर की सड़कों पर एक मानसिक रोगी महिला घूमा करती थी। कई साल तक नगर की सड़कों पर ही लोगों से मांगकर खा लेना। सड़क के किनारे, रेलवे स्टेशन पर सो जाना यही उसकी दिनचर्या थी।
एक समय ऐसा आया की महिला किसी ट्रेन में बैठ गई और बंगलूरू पहुंच गई। जहां द बनियान नामक संस्था के संपर्क में आई।
संस्था ने इस महिला को अपने पास रखा और इसकी देखभाल करने लगे। दवा, खाना, कपड़ा रहने और सोने की सारी व्यवस्था का पूरा खर्च इसी संस्था ने उठाया।
कुछ समय के बाद दवा के असर से महिला को अपने बारे में सारी बातें याद आने लगीं। महिला ने एनजीओ कर्मियों को रामनगर का पता बताया।
एनजीओ कर्मी आदर्श कुमार के साथ रामनगर आने के बाद महिला को अपने असली घर की याद आ गई। उसने अपना नाम देवंती देवी और पति का नाम करण राम बताया।
महिला के पांच बच्चे हैं। जो भोजपुर जिले के थाना तरारी बड़का गांव में रहते हैं। इसके बाद थानाध्यक्ष ने उक्त थाने में बात की।
चौकीदार को उसके घर भेजकर उसके स्वजन से महिला से बात कराई गई। इस दौरान महिला अपने बच्चों को देखकर भावुक भी हो गई।