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देर से आए चिकित्सक, आक्रोशित दिव्यांगों ने जताया विरोध

बगहा। अनुमंडलीय अस्पताल में दिव्यांगता की जांच के लिए गुरुवार को शिविर का आयोजन किया गया था। लेकिन च

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Jan 2019 09:06 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jan 2019 09:06 PM (IST)
देर से आए चिकित्सक, आक्रोशित दिव्यांगों ने जताया विरोध
देर से आए चिकित्सक, आक्रोशित दिव्यांगों ने जताया विरोध

बगहा। अनुमंडलीय अस्पताल में दिव्यांगता की जांच के लिए गुरुवार को शिविर का आयोजन किया गया था। लेकिन चिकित्सकों के नहीं आने के कारण दिव्यांगों की जांच नहीं हो सकी। इससे आक्रोशित दिव्यांगों व उनके परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया। बताया कि समाजिक सुरक्षा कोषांग विभाग द्वारा प्रत्येक माह के 3 रा सप्ताह के गुरुवार को जिला से गठित चिकित्सकों की टीम अनुमंडलीय अस्पताल दिव्यांगों की जांच करती है। लेकिन चिकित्सकों की लापरवाही के कारण न तो जांच हो रही और ना ही प्रमाणपत्र मिल रहा। आक्रोशित दिव्यांगों को अस्पताल उपाधीक्षक डा. एस. पी. अग्रवाल ने समझाकर शांत कराया। दिव्यांगों ने कहा कि कड़ाके की ठंड के बावजूद वे लंबी दूरी तय कर अस्पताल पहुंचे हैं। यहां सुबह में टी.बी. विभाग के कर्मी रत्नेश कुमार एवं संतोष कुमार ने निबंधन किया। घंटों इंतजार किया, लेकिन चिकित्सक नहीं आए। अस्पताल में अलाव की भी कोई व्यवस्था नहीं है। दोपहर करीब 12.45 बजे दिव्यांगों का धैर्य जवाब दे गया। नगर के मिर्जा टोला निवासी सुनील कुमार ¨सह ने आरोप लगाया कि उनके पुत्र शिवांग कुमार ¨सह की करीब 4 महीने पूर्व इसी टीम से जांच की थी। लेकिन आज तक प्रमाण पत्र नहीं मिला। चार माह से दौड़ लगा रहे हैं। वही दिव्यांग रत्नेश कुमार, प्रशांत कुमार, उमा देवी, शकीला खातून, मो. उस्मान आदि दर्जनों ने आरोप लगाया कि टीम जानबूझ कर विलंब से आती है, ताकि अधिक लोगों की जांच नहीं करना पड़े। हम लोग सुबह से परेशान हैं। करीब एक बजे जिला से टीम अस्पताल पहुंची। इस टीम में भी कान के चिकित्सक नहीं पहुंचे। इस कारण कान से संबंधित दिव्यांग निराश वापस चले गए। टीम में शामिल डा. संजय गुप्ता, डा. राम खेलावन चौधरी, दिव्यांग प्रमाणिक कर्मी लाल बाबू भगत ने जांच की। चिकित्सकों ने कहा कि जाम में फंसने के कारण विलंब हुआ।

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बयान :

कान के चिकित्सक डा. शलील शर्मा शिविर में अनुपस्थित हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए वरीय अधिकारियों को पत्राचार किया जा रहा है। चिकित्सक विलंब से पहुंचते हैं, पहले निबंधन का काम होता है। पहले जिला अस्पताल में ही जांच होती थी, लेकिन अब अनुमंडलीय अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध हो गई है।

डा. ममता झा, सहायक निदेशक समाजिक सुरक्षा कोषांग


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