सड़क निर्माण के लिए जाम, तोड़फोड़
साठी कोठी से शनिचरी कोठी को जोड़ने वाली मुख्य पथ जर्जर हो गयी है। यह सड़क परसा कोठी पथ के नाम से विख्यात है। उस सड़क के निर्माण को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश मंगलवार को भड़क गया।
बेतिया। साठी कोठी से शनिचरी कोठी को जोड़ने वाली मुख्य पथ जर्जर हो गयी है। यह सड़क परसा कोठी पथ के नाम से विख्यात है। उस सड़क के निर्माण को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश मंगलवार को भड़क गया। लोगों ने घंटों तक बेतिया-नरकटियागंज मुख्य पथ को जाम कर दिया। आगजनी भी की गई। कई वाहनों के शीशे तोड़ दिए गए। सांसद सतीश चंद्र दुबे व विधायक विनय बिहारी के विरुद्ध जमकर नारे लगाए। लोग रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे लगा रहे थे। करीब चार घंटें तक लोगों ने मुख्य पथ पर जमकर बवाल काटा और हंगामा किया। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची साठी पुलिस और ग्रामीणों के बीच हल्की झड़प भी हुई। हालांकि इस सबके बावजूद साठी थानाध्यक्ष अवधेश झा के नेतृत्व में पुलिस काफी सूझ-बूझ और संयम का परिचय देते हुए हालात को काबू में रखा। वहीं, मौके पर पहुंचे लौरिया बीडीओ चंदन कुमार ने भी काफी मान मनौव्वल करने की कोशिश की। परंतु आंदोलनकारी डीएम को बुलाने की मांग पर अड़े हुए थे। उसके बाद नरकटियागंज एसडीएम चंदन चौहान, डीएसपी निशार अहमद भी पहुंचे। उन्हें भी ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। जाम हटाने के लिए पुलिस ने सख्ती बरतने की जब चेतावनी दी और सड़क निर्माण कराने के लिए चार माह की महोलत मांगी तो ग्रामीण शांत हुए। इसके बाद स्वयं एसडीएम नरकटियागंज, डीएसपी तथा साठी थानाध्यक्ष अवधेश कुमार झा के नेतृत्व में जाम हटाया गया। इसके बाद आंदोलन की नेतृत्व कर रहे लोगों व प्रशासन के बीच साठी थाना परिसर में सहमति वार्ता हुई, तब जाकर आंदोलन शांत हुआ। इधर आंदोलनकारियों का नेतृत्व कर रहे संगठन के अध्यक्ष नौशाद आलम, सचिव शाहजामा, संयोजक भुदेव उर्फ भुषण मिश्र, मो. सफीक, गो¨वद पाण्डेय, राजदेव यादव, मोहम्मद इकरामउल, गुलाब जाकिर, फैयाज आलम, अफजल खान, कौशर अली, सैयद बबलू, निप्पू शुक्ला, श्रीमान नारायण तिवारी, उमेश तिवारी, राजेश यादव, नवीन वर्मा, बृजेश पांडे, मुन्ना शाह, गंगा प्रसाद वर्मा आदि लोगों ने बताया कि विगत वर्ष आई प्रलयंकारी बाढ़ के दौरान ऐतिहासिक साठी शनिचरी कोठी को जोड़ने वाला मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। इसकी मरम्मत करवाने की महज कोरम पूरी की गई थी। इस सड़क के निर्माण को लेकर कई बार स्थानीय लोगों ने सांसद सतीश चंद्र दुबे व विधायक विनय बिहारी से गुहार लगाई थी। ग्रामीणों के बार-बार आग्रह के बाद भी सांसद व विधायक ने कोई ध्यान नहीं दिया। इस पर ग्रामीणों में आक्रोश भड़क गया। ग्रामीण ने करो या मरो की लड़ाई लड़ने की ठान ली। इसको लेकर सड़क निर्माण संघर्ष समिति का गठन किया गया। उसके बाद आंदोलन की रणनीति के तहत विगत नौ सितम्बर को धोबनी गांव स्थित पोखरा पर करीब पांच पंचायतों के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों ने एक महापंचायत बुलाई। महापंचायत की इस बैठक में शासन प्रशासन को इस मुद्दे पर पहल करने की गुहार लगाई तथा सार्थक पहल नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी गईं। ग्रामीणों ने बैठक में करो या मरो की रणनीति के तहत आंदोलन का निर्णय लिया। हालांकि आंदोलनकारी ने इसकी सूचना संबंधित लोगों को भी पत्र भेजकर दे दिया। बावजूद इसके शासन प्रशासन की कानों तक जूं नहीं रेंगी। तो लोगों ने आंदोलन का रूख अखितियार कर लिया। आंदोलनकारियों की माने तो आंदोलन के दूसरे चरण में वे रेल चक्का जाम करेंगे।
इनसेट
मांगें एक नजर में
--- साठी कोठी से शनिचरी कोठी जवाहरपुर घाट होते हुए परसा मोड़ तक सड़क व पुल का निर्माण
--- धोबनी चौक से पंडा टोला खजूरिया के रास्ते बहुअरवा चौक तक पक्की सड़क का निर्माण।
--- मुसहरी स्वास्थ्य उपकेंद्र से मुशहरी उच्च विद्यालय होते हुए नंद टोला खजुरिया के रास्ते साठी लोरिया मार्ग से जोड़ा जाए।
--- खजूरिया बहुअरवा चौक से राम परसोना गांव होते हुए जवाहिरपुर घाट तक पक्की सड़क का निर्माण कराया जाए।
--- धर्मपुर नहर चौक से गांव होते हुए शनिचरी कोठी परसा मुख्य मार्ग से जोड़ा जाए।