युवा शक्ति में अंतरर्निहित है भारत की ऊर्जा
बेतिया। शरीर पर चुस्त ब्रांडेड कंपनियों के कपड़े कलाई में झुलती महंगी घड़ी आंखों पर रंगीन चश्मा चमकता जूता स्टाइलिस बाल तेज रफ्तार कार व बाइक आज के युवाओं की पहचान है।
बेतिया। शरीर पर चुस्त ब्रांडेड कंपनियों के कपड़े, कलाई में झुलती महंगी घड़ी, आंखों पर रंगीन चश्मा, चमकता जूता, स्टाइलिस बाल तेज रफ्तार कार व बाइक आज के युवाओं की पहचान है। यंग डायनेमिक, एनर्जेटिक, ओपेन माइडेड युवाओं के जीने का अंदाज बदल चुका है। यूथ रुकने को तैयार नहीं है। ये खूब कमाने व जीभर कर खर्च करने में विश्वास कर रहे है। युवा पीढ़ी अपने करियर को लेकर काफी संजीदा है और इसके लिए जी तोड़ परिश्रम भी कर रही है। अंतरराष्ट्रीय बैंक, शॉपिग मॉल, मल्टीप्लेक्स और क्लब युवाओं के भरोसे ही फल-फूल रहे हैं। आज की युवा पीढ़ी दखलअंदाजी पसंद नहीं कर रही। रोक टोक उन्हें बर्दाश्त नहीं खुले आसमान को मुट्ठी में करने के जोश के साथ युवा उड़ान भर रहे है। युवाओं के लिए जीवन में सफल लोग आइकॉन बन चुके हैं और युवा इन्हीं की राह पर चल पड़े हैं।
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बिना मेह दौनी वाली कहावत चरितार्थ कर रहा नेहरू युवा केंद्र
युवाओं में नेतृत्व विकास के लिए स्थापित नेहरु युवा केंद्र खुद बिना मेह के दौनी जैसा काम कर रहा है। पिछले कई वर्षों से केंद्र को स्थाई युवा समन्वयक नहीं मिल पाया है। संसाधन के अभाव में नेहरू युवा केंद्र अपने उद्देश्य से भटक गया है। युवाओं को उड़ान देने के लिए प्रयासरत नेहरू युवा केंद्र संसाधनों के अभाव से जूझ रहा रहा है। बावजूद युवाओं के विकास के लिए कई योजना चला रहा है। हालांकि युवा सप्ताह के लिए नेहरू युवा केंद्र की ओर से कई कार्यक्रम आयोजन की योजना है। संसाधनों के अभाव ने युवा केंद्र इन कार्यक्रमों को कैसे सफल बनाएगा यह उसके लिए भी चुनौती बना हुआ है। केंद्र के लेखापाल विजयेंद्र तिवारी ने बताया कि केंद्र से संसाधनों का अभाव है। कई पद रिक्त है। बावजूद युवाओं के सर्वागीण विकास के लिए केंद्र प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि इन सबके बाद भी जिले में युवाओं के बीच कई रचनात्मक कार्यक्रम चलाए गए हैं और यह जारी है। इसके तहत कौशल विकास के साथ ही खेलकूद व कला संस्कृति को भी बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जा रहा है। युवा दिवस पर भी नेहरु युवा केंद्र एक श्रृंखलाबद्ध कार्यक्रम प्रारंभ करने जा रहा है। राष्ट्रीय सेवाकर्मियों के चयन की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है। इसके साथ युवा क्लबों को भी जागरुक व पुनर्जीवित कर उन्हें क्रियाशील बनाया जा रहा है। जिले में सौ से अधिक युवा क्लबो का गठन किया गया है और उनके द्वारा विभिन्न प्रकार की गतिविधियां भी चलाई जा रही है। वहीं इस दावे से इतर देखा जाय तो नेहरू युवा केंद्र में राजनीतिक दखल अंदाजी से भी केंद्र पूरी तरह अपने उद्देश्यों को पूरा नहीं कर रहा है। सूत्रों की माने तो राजनीतिक पार्टियों के स्थानीय नेता अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर दखलअंदाजी करते रहते है। चहेतों को लाभ दिलवाने का प्रयास होता है। इस कारण कई प्रतिभाएं सामने नहीं आ पाती है।
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लक्ष्य निर्धारित कर करे मेहनत : डीडीसी
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युवाओं में भरपूर जोश होता है। लेकिन युवा अपने जीवन में तभी सफल हो सकते है जब वे कड़ी मेहनत करे। सबसे जरूरी है कि वे पहले अपना लक्ष्य निर्धारित करे। इसमें अनुभवी लोगों व अभिभावकों की राय काफी अहम होती है। एक बार लक्ष्य निर्धारित कर लेने पर काफी हद तक राह आसान हो जाती है। निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए परिश्रम की जरूरत होती है। लक्ष्य प्राप्ति के लिए युवाओं को इसमें कोताही नहीं बरतनी चाहिए। इसके लिए एकाग्रचित हो मनोयोग से परिश्रम करे तो जरूर लक्ष्य की प्राप्ति होगी। यह कहना है बेतिया के डीडीसी रविद्रनाथ प्रसाद सिंह का। श्री सिंह ने कहा कि कभी-कभी लक्ष्ण प्राप्ति में कठिनाई भी आती है, लेकिन इससे कतई हताश नहीं हो। असफलता ही सफलता की कुंजी है। एकाग्रचित से की गई परिश्रम बेकार नहीं जाती है। उन्होंने युवाओं को सफलता का टिप्स देते हुए कहा कि बार-बार राह बदलने वाले मंजिल तक जल्दी नहीं पहुंच पाते। इसलिए राह बदलने के बजाए एक ही रास्ते पर चलते हुए मंजिल तक पहुंचने की कोशिश करें।
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कहते हैं युवा
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-- युवा किसी का मोहताज नही। इनके लिए असंभव कुछ भी नहीं। बस उन्हें मौका मिलना चाहिए। अगर सरकार युवा हित के लिए चलाई जा रही योजनाओं को कारगर ढंग से लागू करे तो देश की सूरत बदलने की युवाओं में क्षमता है।
सन्नी कुमार
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देश कुछ मोर्चो पर जुझ रहा है। देश में चिकित्सकों की कमी है। युवा पीढ़ी के लिए चिकित्सक का क्षेत्र में प्रवेश आसान हो जाए तो युवा इसकी भरपाई कर समाज सेवा का बीड़ा अपने कंधे पर उठाने को तैयार है।
सूरज कुमार
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हमें किसी से कुछ नहीं चाहिए। पुरानी पीढ़ी तरह-तरह की बंदिशें लगाती रहती है। सही और गलत राह की पहचान युवाओं में है। पुरानी पीढ़ी बंदिशे लगाने के बजाय जोश को उड़ान के लिए मार्गदर्शन करे तो कोई मुकाम मुश्किल नहीं।
अतुल तिवारी
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युवाओं में जोश है उत्साह है और क्षमता भी है। सरकार को इनकी क्षमता का सदुपयोग करनी चाहिए। जब-तक युवाओं की शक्ति का पूरा इस्तेमाल नहीं होगा। देश की तरक्की का राह भी नहीं खुल सकेगा।
कृष्ण मोहन
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पुरानी पीढ़ी को समझना चाहिए की समय बदल रहा है। वैश्विक परिवेश में युवाओं का आगे बढ़ने के लिए राह आसान करनी चाहिए। ताकि वे अपने पसंदीदा क्षेत्र में बुलंदी के झंडे गाड़ सके।
शशि कुशवाहा
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-- सरकारी क्षेत्रों के अलावे राजनीतिक क्षेत्र में भी युवा परचम लहरा रहे है। राजनैतिक मंच पर युवाओं को आगे बढाने के लिए राजनैतिज्ञों को विचार करनी चाहिए। इनमें भरी इनर्जी का इस क्षेत्र में भी सदुपयोग होनी चाहिए।
धनरंजन उर्फ गुड्डू
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-- युवाओं में समाज की सूरत बदलने की क्षमता है। बस उन्हें सपोट किया जाए। अगर समाज के हर तबका के लोग सपोट करे तो अपने ये दम पर समाज में बड़ा बदलाव ला सकते है।
विशाल मिश्रा
सूरज कुमार
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-- सरकार को युवाओं के शक्ति का भान है, सरकार द्वारा युवाओं के लिए कई योजना चल रही है, लेकिन अधिकतर योजनाएं धरातल पर कारगर नहीं हो रही है। योजनाओं को इस तरह चलाया जा कि इसका लाभ युवाओं को मिल सके।
रोहित मिश्र