गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि, दियारा के लोगों की बढ़ी बेचैनी
गंडक नदी के जलस्तर में रविवार को वृद्धि दर्ज की गई। इसके साथ ही दियारा में रहने वाले लोगों ने पलायन की तैयारी आरंभ कर दी है। पिछले वर्ष गंडक नदी के किनारे बसे लोगों को गंडक नदी में आई बाढ़ से काफी क्षति उठानी पड़ी थी।
बगहा । गंडक नदी के जलस्तर में रविवार को वृद्धि दर्ज की गई। इसके साथ ही दियारा में रहने वाले लोगों ने पलायन की तैयारी आरंभ कर दी है। पिछले वर्ष गंडक नदी के किनारे बसे लोगों को गंडक नदी में आई बाढ़ से काफी क्षति उठानी पड़ी थी। यहां तक कि अब तक लगभग एक दर्जन गांवों के लोग गंडक नदी की चपेट में आने के बाद विस्थापित हो चुके हैं। ये सभी आज भी अपने आशियाने की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं। रेवहिया निवासी मंजूर मियां, जफरुद्दीन मियां, रामधारी चौधरी, दरोगा चौधरी, सुखल यादव, सुरेश यादव आदि ने बताया कि बरसात में गंडक नदी का उफान पूरी तरह से होता है। जब पानी का स्तर बढ़ता है तो गंडक नदी में कटाव शुरू हो जाता है। अगल-बगल के गांव में पूरी तरह से पानी भर जाता है। जिससे लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाकर अपना आशियाना तलाशना पड़ता है। गंडक नदी की बाढ़ से प्रभावित गांव में सेमरबारी, धनहा, रेवहिया, नैनहा, नरहवा, सिसही आदि हैं। बाढ़ के दिनों में ये पूरी तरह से प्रभावित रहते हैं। यहां के लोग बाढ़ के समय धनहा- रतवल मुख्य मार्ग पर अपना आशियाना बना कर गुजर -बसर करते हैं। आज एक बार फिर इन गांव के लोगों की धड़कने तेज हो गई हैं। क्योंकि, अब बरसात का मौसम आरंभ होने वाला है। गंडक नदी में नए गेरुआ पानी आने के साथ ही बाढ़ का आगमन भी शुरू हो जाता है। हालांकि, सरकार द्वारा इन गांवों को बचाने के लिए प्रतिवर्ष बाढ़ निरोधक कार्य किए जाते हैं। लेकिन, इसके बावजूद हर कोशिश नाकाम हो जाती है। प्रशासन द्वारा आगामी बाढ़ को देखते हुए तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। मधुबनी अंचलाधिकारी ने बताया कि प्रखंड के लगभग एक दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी घुस जाता है। वहां के लोगों को सुरक्षित रखने के लिए तथा बाढ़ से बचाव से तैयारी के लिए वरीय अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
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