जांच नहीं होने से शिक्षकों की बढ़ी मनमानी
बेतिया। मैनाटांड़/इनरवा : प्रखंड के थरूहट क्षेत्रों में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों की कम उपस्थिति प्रधानाचार्यो के लिए वरदान साबित हो रही है।
बेतिया। मैनाटांड़/इनरवा : प्रखंड के थरूहट क्षेत्रों में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों की कम उपस्थिति प्रधानाचार्यो के लिए वरदान साबित हो रही है। स्कूल में बच्चे पढ़ने भले ही नहीं आ रहे हैं, लेकिन उनके हिस्से का मिड डे मील जरूर खाया जा रहा है। स्कूलों में बच्चों की कम उपस्थिति रहते हुए भी अभिलेखों में अधिक दिखाकर एमडीएम की धनराशि और अनाज हजम किया जा रहा है। इसका खुलासा तब हुआ जब लोगों की शिकायत पर विद्यालयों में बननेवाले एमडीएम की हकीकत खंगाली गई। सुदूर थरूहट के प्राथमिक विद्यालय पकड़ी(सहनौला) जहां पर एमडीएम के लिए 137 बच्चे पंजीकृत हैं। जबकि, गुरूवार को 40 बच्चे ही विद्यालय में मौजूद मिले। जबकि विद्यालय प्रशासन के अनुसार सौ बच्चों का एमडीएम बना था। विद्यालय के रसोईयों से जब भोजन के मेन्यू के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था कि उन्हें मेन्यू पता नहीं है। अध्ययनरत बच्चों को भी मेनू की जानकारी नही थी। प्रश्न उठता है कि विद्यालय में भोजन करनेवाले बच्चों की संख्या 40 थी और ऐसे में यहां अधिक बच्चों की उपस्थिति दिखाना अनियमितता का घोतक है। यहीं नहीं इस विद्यालय में लकड़ी के चूल्हे पर एमडीएम बनाया जाता देखा गया। रसोईघर में बच्चों के भोजन करने की थाली ऐसे रखी थी, जैसे हफ्तों से प्रयोग नहीं की गई हो। वहीं वर्ग भवन में बिना एप्रन के ही रसोईया खाना बनाती देखी गई। बहरहाल, बच्चों की फर्जी उपस्थिति दिखाकर मिड डे मील में खेल हो रहा है। मध्याह्न भोजन निधि का संचालन प्रधानाचार्य करते हैं और छात्रों की उपस्थिति का सत्यापन बीईओ, एमडीएम प्रभारी के साथ सीआरसीसी भी करते हैं। ऐसी परिस्थिति में सभी सामंजस्य बनाकर खेल कर रहे हैं।
इनसेट बयान
उपस्थिति पंजी में बच्चों की संख्या अधिक दिखाकर कम खाना बनाना घोर लापरवाही का घोतक है इसकी जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नरेश कुमार
एमडीएम प्रभारी
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