संसाधनों की कमी झेल रहा अस्पताल, रेफर की मजबूरी
अनुमंडलीय अस्पताल में आज भी मात्र 30 बेड उपलब्ध है। इसी बेड में प्रसव के लिए आई महिलाएं सहित आपातकाल में लगे बेड भी शामिल है।
बगहा। अनुमंडलीय अस्पताल में आज भी मात्र 30 बेड उपलब्ध है। इसी बेड में प्रसव के लिए आई महिलाएं सहित आपातकाल में लगे बेड भी शामिल है। शनिवार को अस्पताल में स्वयं सेवी संस्था मैरी स्टाप द्वारा 50 महिलाओं का बंध्याकरण किया गया। सभी को अस्पताल प्रबंधन द्वारा टेंट से भाड़े पर उपलब्ध कराया गया। पूर्व में यह अस्तपाल रेफरल अस्पताल था। इसे सरकार ने अपग्रेड करते हुए अनुमंडलीय अस्पताल का दर्जा दिया। इसके बाद अस्पताल में सुविधा के नाम पर केवल ओपीडी भवन का निर्माण ही हुआ है। आज भी भवन के अभाव में मात्र 30 बेड ही उपलब्ध है। अस्पताल में दो दर्जन चिकित्सकों के बदले मात्र पांच चिकित्सक ही कार्यरत हैं। इनके अतिरिक्त एक दंत चिकित्सक हैं। ये कब आते हैं, कब जाते हैं इसका पता मरीजों को नहीं चल पाता है। जैसे ही गंभीर मरीज सड़क दुर्घटना या अन्य किसी कारण अस्पताल में आते हैं। चिकित्सक इलाज करने के उपरांत विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं रहने के कारण रेफर कर देते हैं। विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं रहने और सर्जन के नहीं रहने से मरीज और इनके परिजनों को बेतिया, गोरखपुर जाने की मजबूरी बनी हुई है। महिला चिकित्सक मौजूद, फिर भी रेफर :-
अनुमंडलीय अस्पताल में दो महिला चिकित्सक कार्यरत हैं। इसके बावजूद भी सुरक्षित प्रसव के लिए इनकी पूरी सेवाएं नहीं मिल पा रही है। ऐसी स्थिति के कारण जटिल प्रसव को देखते हुए कार्यरत ए-ग्रेड नर्स चिकित्सक से कहते हुए सदर अस्पताल बेतिया रेफर करा देती हैं। बताते चलें कि महिला चिकित्सक यहां रहती ही नहीं है। ऐसे में यहां सुरक्षित प्रसव लोगों के लिए सफेद हाथी बना हुआ है।