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इतिहास बनेंगे 16 भूमिहीन स्कूल, विलय की हुई अनुशंसा

बगहा। बगहा दो प्रखंड के 16 भूमिहीन विद्यालयों के विलय की अनुशंसा की गई है। इन विद्यालयों का संचालन फिलहाल निकटवर्ती विद्यालयों में हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 11:03 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 11:03 PM (IST)
इतिहास बनेंगे 16 भूमिहीन स्कूल, विलय की हुई अनुशंसा
इतिहास बनेंगे 16 भूमिहीन स्कूल, विलय की हुई अनुशंसा

बगहा। बगहा दो प्रखंड के 16 भूमिहीन विद्यालयों के विलय की अनुशंसा की गई है। इन विद्यालयों का संचालन फिलहाल निकटवर्ती विद्यालयों में हो रहा है। खास बात यह है कि इन विद्यालयों में एक दो नहीं बल्कि कुल 2155 बच्चे अध्ययनरत हैं। इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की संख्या 47 है। जिला से आदेश प्राप्त होने के बाद ये सभी 16 विद्यालय इतिहास के पन्ने में दफन हो जाएंगे। वर्ष 2001-02 में 40 बच्चों पर एक शिक्षण केंद्र की स्थापना की मुहिम चली। इसी दौरान कई पंचायतों में शिक्षा गारंटी केंद्र खोले गए। जब सरकार ने हर गांव में एक सरकारी विद्यालय की स्थापना को हरी झंडी दी तो इन्हीं शिक्षा गारंटी केंद्रों को विद्यालय का रूप दे दिया गया। करीब 12 वर्षो तक विभाग के द्वारा जमीन की खोज की जाती रही। प्रधान शिक्षकों से लेकर बीईओ तक ने कई बार अंचलाधिकारी को पत्राचार किया। लेकिन जमीन नहीं मिली। इस बीच पंचायत भवन से लेकर सार्वजनिक स्थलों पर विद्यालयों का संचालन होता रहा। वर्ष 2013 में विभागीय आदेश के आलोक में सभी भूमिहीन विद्यालयों को निकटवर्ती भवनयुक्त विद्यालयों में स्थानांतरित कर दिया गया। साथ ही इनके लिए कमरे भी आवंटित किये गए। तबसे अबतक ये विद्यालय समायोजित हैं। अब विभाग ने इन सभी 16 भूमिहीन विद्यालयों को बंद करने का निर्णय लिया है। सभी बीईओ को इस संबंध में पत्र जारी किया गया है। पत्र के आलोक में बगहा दो बीईओ ने भी भूमिहीन विद्यालयों की सूची विभाग को भेजते हुए विलय की अनुशंसा की है। विद्यालयों में शिक्षक और संसाधनों का अभाव :-

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प्रखंड के अधिकांश विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति बच्चों की संख्या के अनुपात में काफी कम है। कई पद रिक्त हैं। बीते कई वर्षो से विभाग के द्वारा शिक्षकों की बहाली नहीं की गई है। शिक्षकों व संसाधन की कमी के कारण विद्यालयों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही। कई विद्यालयों में तो सिर्फ कोरम पूरा किया जा रहा है। ऐसे में अब 16 विद्यालयों के बंद करने के निर्णय से अभिभावक खासे आक्रोशित हैं। अभिभावकों का कहना है कि संसाधनों की बहाली के बजाय विभाग अपनी नाकामी छिपाने के लिए स्कूलों को ही बंद कर रहा है। इन विद्यालयों के विलय की हुई अनुशंसा :-

विद्यालय बच्चों की संख्या शिक्षकों की संख्या

उ. म. विद्यालय हरिजनटोली 335 06

प्रा. विद्यालय बिसहा 130 02

प्रा. विद्यालय लवकुश घाट 70 02

न. प्रा. विद्यालय चरघरिया 75 02

प्रा. विद्यालय खैरवाटोला 149 05

प्रा. विद्यालय मतिराजी टोला 67 02

प्रा. वि. मदनपुर बाजार टोला 175 03

प्रा. विद्यालय जयनगर 53 02

प्रा. वि. हरका साधु कुटिया 44 02

प्रा. विद्यालय धरवनियाटोला 170 03

प्रा. विद्यालय मुसहरी टोला 243 03

प्रा. विद्यालय आनंदनगर 140 04

प्रा. विद्यालय बाड़ीडोरी 167 04

प्रा. विद्यालय सबेया 81 02

प्रा. विद्यालय कालीघाट 105 02

प्रा. विद्यालय पोखराटोला शास्त्रीनगर 151 03 बयान :-

भूमिहीन विद्यालयों के विलय की अनुशंसा की गई है। फिलहाल ये विद्यालय निकटवर्ती विद्यालयों में संचालित हो रहे।

सुभाष बैठा, बीईओ बगहा दो।


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