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यहां डॉक्टरों के लिए आरओ का पानी और मरीजों को चापाकल का सहारा

भीषण गर्मी में शुद्ध पीने के पानी की जरूरत हर आदमी को है। पर नगर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मोटर है टंकी है पानी की सप्लाई भी होती है। पर पीने के शुद्ध पानी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jun 2018 07:39 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 08:13 PM (IST)
यहां डॉक्टरों के लिए आरओ का पानी और मरीजों को चापाकल का सहारा
यहां डॉक्टरों के लिए आरओ का पानी और मरीजों को चापाकल का सहारा

बगहा। भीषण गर्मी में शुद्ध पीने के पानी की जरूरत हर आदमी को है। पर नगर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मोटर है टंकी है पानी की सप्लाई भी होती है। पर पीने के शुद्ध पानी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। पीएचसी में आने वाले मरीज, उनके परिजनों के साथ ही छोटे छोटे बच्चों को चापाकल से ही पानी पीना पड़ता है। मोटर एवं पाइप लाइन की जो आपूर्ति है उसका पानी केवल हाथ धोने, नहाने के साथ ही कपड़ा धोने एवं अन्य कार्यो में उपयोग होता है। हालांकि करोड़ों रुपये से तैयार भवन, पुराने भवन के साथ ही प्रसव कक्ष में भी मोटर लगा है पानी की सप्लाई सभी जगह दौड़ाई गई। जिससे पीने का कार्य छोड़कर सभी कार्य सुचारू रूप से चलता है। टंकी की सफाई भी समय समय पर होने की बात सामने आई है। पर पीने के शुद्ध पेयजल की इस गर्मी में सबसे अहम जरूरत है। उसका अभाव यहां साफ दिखाई देता है। चिकित्सकों के लिए आरो की व्यवस्था

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पीएचसी के नए भवन में एक आरओ मशीन लगाया गया है। पर यह मरीजों के इलाज एवं ड्रे¨सग वाले वार्ड में है जिसका ज्यादा उपयोग नहीं दिखता है। कई लोगों की यहां नजर नहीं जाती है तो कुछ लोगों का ध्यान जाता भी है तो उसकी जरूरत नहीं होती है। बताया जाता है कि इस मशीन का पानी चिकित्सक के साथ ही कर्मियों के पीने के काम में आता है।

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एक चापाकल के सहारे चलता है काम चिलचिलाती गर्मी में फुलवरिया गांव के कलाम अंसारी अपने चार वर्ष के बच्चे को लेकर इधर- उधर भटक रहे थे। बच्चे को प्यास लगी थी। वे अपनी पत्नी को इलाज कराने के लिए लेकर अस्पताल आए थे। नंबर लगाकर वह भागते हुए चापाकल के पास जाकर बच्चे को पानी पिलाते है। कहते है कि इस चापाकल से भी समुचित पानी नहीं निकल रहा है। इधर सिलवटिया गांव के उमेश यादव भी अस्पताल में आए है। उन्हें जब प्यास लगी तो ढूंढ़कर चापाकल के पास पहुंचे। पानी पीकर प्यास बुझाई कहते है कि यहां शुद्ध पानी का इंतजाम ठीक नहीं है। देवराज की मेहरून नेशा अपने बच्चे का इलाज कराने आई है। डब्बा लेकर चापाकल से पानी लेकर बच्चे की प्यास बुझाई। उल्लेखनीय है कि पीएचसी में पानी की व्यवस्था इस गर्मी में नाकाफी दिखती है। दूसरा चापाकल खराब पीएचसी में एक और चापाकल है जो कई दिनों से खराब पड़ा है। हालांकि इसकी मरम्मत कराई गई थी। पर इधर बीते कुछ दिनों से यह फिर से खराब हो गया है। आरसीएच में प्रसव कराने के लिए आए प्रसवा महिलाओं के साथ भी पानी की समस्या है। इन लोगों को भी परिसर में पीने के पानी के लिए भटकना पड़ता है। आरसीएच में कार्यरत एएनएम आकांक्षा कुमारी से इस बारे में पूछा गया तो कहती है कि पीने के पानी की व्यवस्था इधर भी होनी चाहिए पर ऐसा नहीं है।

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