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गंडक नदी में सिल्ट से बराज की डिस्चार्ज क्षमता में कमी

बाढ़ पूर्व तैयारी व बांध तथा बराज के गेट का निरीक्षण करने के लिए पटना के अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार सिन्हा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय अभियंताओं की टीम मंगलवार की दोपहर गंडक बराज पर पहुंची। बराज के फाटकों का संयुक्त निरीक्षण किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Jun 2019 02:11 AM (IST)Updated: Wed, 05 Jun 2019 06:35 AM (IST)
गंडक नदी में सिल्ट से बराज की डिस्चार्ज क्षमता में कमी
गंडक नदी में सिल्ट से बराज की डिस्चार्ज क्षमता में कमी

बगहा । बाढ़ पूर्व तैयारी व बांध तथा बराज के गेट का निरीक्षण करने के लिए पटना के अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार सिन्हा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय अभियंताओं की टीम मंगलवार की दोपहर गंडक बराज पर पहुंची। बराज के फाटकों का संयुक्त निरीक्षण किया। बराज के फाटकों, ऑटो मेशन सिस्टम से गेटों का परिचालन समेत अन्य जानकारी विभाग के अधिकारियों से ली। साथ ही गंडक बराज से जीपीआरएस सिस्टम से जल संसाधन विभाग पटना को डिस्चार्ज व गेटों के परिचालन के साथ ही तटबंधों की अद्यतन जानकारी ली। बाढ़ सुरक्षात्मक सुरक्षात्मक कार्यों के लिए विभागीय स्तर पर उपलब्ध सामग्रियों की भी जानकारी ली। हालांकि गंडक नदी में सिल्ट जमा होने के कारण डिस्चार्ज की क्षमता में कमी आई है, इस पर टीम ने चिता व्यक्त की। बरसात बाद गंडक नदी से सिल्ट निकालने की योजना पर काम करने का निर्देश दिया गया।

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नेपाल के अधिकारियों से बेहतर तालमेल

गंडक बराज के अधीक्षण अभियंता नंद कुमार झा ने अधिकारियों को आपसी तालमेल से बाढ़ अवधि के दौरान चौकस रहने के साथ ही सूचना का आदान-प्रदान और आपसी सहयोग से कार्यो का निष्पादन करने पर बल दिया। इस दौरान गंडक बराज के सभी 52 गेटों के परिचालन का भी अवलोकन करते हुए संबंधित अन्य जानकारियां ली गई। श्री झा ने कहा कि गंडक बराज भारत-नेपाल के आपसी सहयोग और मित्रता की अनूठी मिसाल है। जिसे देखने की इच्छा सभी की होती है। उन्होंने कहा कि गंडक बराज के सभी 52 गेटों का सफलता पूर्वक संचालन कर जांच की गई है। सभी गेट जांच में दुरूस्त पाए गए हैं । हालांकि बरसात के बाद तीन गेट क्रमश: 29,31,34 को बदला जायेगा । अभी बाढ़ आने में कुछ वक्त शेष है । इस लिए इस वक्त गेट को बदला जाना संभव नहीं है। अभियंताओं की टीम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

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गेटों में चल रहा ग्रीसिग का काम

गंडक बराज के अधिकारी व सिचाई यांत्रिक के अधिकारियों के सहयोग से गंडक बराज के गेटों का संचालन किया जा रहा है। हालांकि, कुछ गेटों में ग्रीसिग, ऑयलिंग का कार्य प्रगति पर है। जिसे बाढ़ अवधि से पूर्व पूरा कर लिया जाएगा। बताते चलें कि गंडक बराज की डिजाइनिंग डिस्चार्ज क्षमता साढ़े आठ लाख क्यूसेक है। लेकिन, नदी की तलहटी में सिल्ट जमा होने के कारण इसकी डिस्चार्ज क्षमता में कमी आई है। 23 जुलाई 2002 को 6 लाख 29 हजार जल दबाव के कारण गंडक बराज का दायां एफलेक्स बांध टूट गया था। जिससे सीमावर्ती नेपाल में व्यापक क्षति हुई थी । बरसात बाद सिल्ट निकालने की व्यवस्था होगी।

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इनसेट बयान :

बरसात पूर्व तैयारी की समीक्षा की जा रही है। बराज के गेटों के संचालन व बांधों की स्थिति का अवलोकन किया गया। सभी गेट फिलवक्त संचालित हो रहे हैं। विभाग को रिपोर्ट दिया जाएगा।

-- विनोद कुमार सिन्हा, अधीक्षण अभियंता , पटना


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