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हरिहरपुर में घुसा बाढ़ का पानी, कटाव शुरू

गुरुवार की रात हुई जोरदार बारिश से क्षेत्र की सभी नदियां उफान पर हैं। इससे कई गांवों पर कटाव का खतरा बना हुआ है।

By Edited By: Published: Sat, 02 Jul 2016 12:56 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2016 12:56 AM (IST)
हरिहरपुर में घुसा बाढ़ का पानी, कटाव शुरू

बगहा। गुरुवार की रात हुई जोरदार बारिश से क्षेत्र की सभी नदियां उफान पर हैं। इससे कई गांवों पर कटाव का खतरा बना हुआ है। मसान नदी में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। गुदगुदी पंचायत के हरिहरपुर उरांव टोली में मसान नदी का पानी घुस गया है जबकि गांव में कृषि योग्य भूमि का कटाव भी जारी है। इसी पंचायत के भैसहियां के समीप मसान नदी के बांध पर दबाव बना हुआ है। काला कुम्हिया गांव के समीप भी बांध पर नदी का दबाव है। नवनिर्वाचित मुखिया नसीम अख्तर ने बताया कि अगर बांध टूटता है तो गांवों को भारी क्षति होगी। मसान नदी से ही भावल पंचायत के पलिया गांव के समीप सरेह में पानी घुस गया है। उत्तर में त्रिवेणी यादव के बांस व खिरसर ब्रह्मस्थान के सामने भी नदी का दबाव बन गया है जिससे ग्रामीणों में भय की स्थिति है। इसी पंचायत के मसान फुलवरिया गांव में भी पानी घुस गया है। प्राप्त सूचनानुसार प्रखंड के उत्तर स्थित सिंगाही नदी में उफान के कारण मनचंगवा गांव में सरेह से होकर निकलने वाले नाले का पानी गांव में घुस गया है। इससे गांव के दस बारह घरों में पानी भरा हुआ है। उप सरपंच मनचंगवा सुरेश राम ने बताया कि रामचंद्र महतो, सर्वेश साह, अच्छेलाल राम, छोटे लाल, गणेश साह, रामायण यादव, पीतांबर काजी समेत अन्य लोगों के घरों में नदी का पानी घुस गया है। सिंगाही नदी का पानी रामनगर गोबर्धना मुख्य सड़क पर भी बह रहा है जिससे घोड़ाघाट के समीप पीडब्ल्यूडी सड़क पर भी कटाव का खतरा मंडरा रहा है। सिंगाही नदी से ही बखरी गांव के स्कूल व हरिजन बस्ती पर दबाव बना हुआ है। इसकी पुष्टि परसौनी पंचायत के उप मुखिया राजन मिश्रा ने की है। जोगिया पंचायत के मुखिया रियासत हुसैन ने बताया कि मसान नदी के कारण जोगिया पंचायत के बहुअरी, सरेवा व इनारबरवा गांव व कृषि भूमि पर दबाव बना हुआ है। प्रखंड के उत्तरी क्षेत्र दोन में भलुई से गोबरहिया, दायर, कापन से नरकटिया, रघिया से चंपापुर आदि गांवों पर दबाव है वहीं खेती योग्य जमीन के कटाव का खतरा बना हुआ है। अनुमान लगाया जा रहा है कि अगर बारिश इसी तरह से होती रही तो आगे बाढ़ व कटाव के खतरे की संभावना बनी रहेगी। ज्ञात हो कि प्रखंड से होकर करीब आधा दर्जन बरसाती नदियां गुजरती हैं जो सालों भर सुप्त रहती है पर बरसात के दिनों में भयंकर कहर बरपाती है। इनमें सबसे प्रलयकारी व शोक नदी का दर्जा मसान को प्राप्त है।

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