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यूरिया के लिए मारामारी, महंगे दाम पर बेच रहे दुकानदार

बेतिया। जिले में पर्याप्त यूरिया के विभागीय दावे के बीच किसानों में इसके लिए मारामारी मची है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2022 12:39 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 12:39 AM (IST)
यूरिया के लिए मारामारी, महंगे दाम पर बेच रहे दुकानदार
यूरिया के लिए मारामारी, महंगे दाम पर बेच रहे दुकानदार

बेतिया। जिले में पर्याप्त यूरिया के विभागीय दावे के बीच किसानों में इसके लिए मारामारी मची है। दुकानदार महंगे दाम पर बेच रहे हैं। जिन किसानों ने पंपसेट से धान की रोपनी कर ली है, उनके लिए इसका छिड़काव करना जरूरी है। बताया जाता है कि करीब 25 प्रतिशत किसानों ने पंप सेट से धान की रोपनी कर ली है। इसके अलावा गन्ने के खेत में भी यूरिया डालने की आवश्यकता है। इसलिए ज्यादा कीमत देकर खरीदना किसानों की मजबूरी है। शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं होने से किसानों में रोष है।

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सरकारी अधिकारी बताते हैं कि यूरिया की किल्लत नहीं है। सरकारी दर पर यूरिया की बिक्री करने का निर्देश दुकानदारों को दिया गया है। जिले में फिलहाल 9017 एमटी यूरिया दुकानों पर उपलब्ध है, जबकि 8815 एमटी यूरिया की ही जून में मांग है। जिला कृषि पदाधिकारी का कहना है कि यूरिया की दो रैक आई भी है। फिर भी किसान यूरिया के लिए मारे- मारे फिर रहे हैं। दुकानदार महंगे दाम पर यूरिया की बिक्री कर रहे हैं। ज्यादातर प्रखंडों में यूरिया की कालाबाजारी हो रही है। किसानों के बीच यूरिया के लिए त्राहिमाम की स्थिति है, जबकि यह मौसम धान एवं गन्ने में यूरिया के छिड़काव के लिए उपयुक्त है। उर्वरक के दुकानदार सामान्य स्थिति में यूरिया नहीं होने की बात कह रहे हैं, जबकि बैकडोर से चार से पांच सौ रुपये प्रति बोरी की दर से बेची जा रही हैं। इसके लिए सरकारी दर 267 रुपये प्रति बोरी निर्धारित है। सूत्रों का कहना है कि बड़े किसान यूरिया स्टाक कर रहे हैं। बाद में खाद मिलेगी या नहीं, इसे लेकर चिंतित हैं। इसके साथ ही कुछ दुकानदार जो काफी सुदूर इलाके के हैं, उनका ट्रांसपोर्टेशन खर्च ज्यादा पड़ता है। ऐसे में वह सरकारी दर से ज्यादा दाम में बेचते हैं।

फोटो : 4

निर्धारित मूल्य पर नहीं मिल रही यूरिया

खेती के लिए यह समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। यूरिया की जरूरत धान एवं गन्ने में पड़ती है, लेकिन यूरिया महंगे दाम पर मिल रही है। इसकी उपलब्धता बैक डोर से चार से पांच सौ रुपये प्रति बोरी हो पा रही है।

आनंद सिंह, कुमारबाग फोटो : 5

सरकार एवं जिला प्रशासन के स्पष्ट निर्देश के बावजूद दुकानदार यूरिया की कालाबाजारी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में किसानों को निर्धारित मूल्य पर यूरिया नहीं मिल पा रही है। इससे किसान परेशान हो रहे हैं।

शंकर राय, खरदेउर महनवा फोटो : 3

यह क्षेत्र गन्ने की खेती के लिए मसहूर है। इस मौसम में गन्ने में यूरिया छिडकाव सर्वाधिक आवश्यकता पड़ती है, लेकिन किसानों को यूरिया आसानी नहीं मिल पा रही है। जबकि यूरिया की उपलब्धता को लेकर जिलाधिकारी सख्त निद्रेश दे रखा है।

प्रवीण कुमार पांडेय, मुरली मंझरिया, गौनाहा फोटो 2

जिले में यूरिया की कालाबाजारी चरम पर है। सरकार के निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर यूरिया बेची जा रही है। अधिकारियों की लापरवाही से किसानों का आर्थिक शोषण हो रहा है। अधिकारियों के नियमित रूप से छापेमारी करने से इस रोक लग सकती है।

हृदयानंद सिंह, जिलाध्यक्ष,जदयू किसान एवं सहकारिता प्रकोष्ठ

पश्चिम चंपारण

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कोट

जिले यूरिया की कोई कमी नहीं है। कालाबाजारी की शिकायत मिलते ही संबंधित दुकानदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उनकी अनुज्ञप्ति रद कर दी जाएगी। किसानों को नैनो यूरिया का प्रयोग करना चाहिए। इसकी कीमत भी कम है और इसका लाभ फसलों में ज्यादा होता है।

विजय प्रकाश, जिला कृषि पदाधिकारी, पश्चिम चंपारण


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