मूल्य बढ़ोतरी व फसल क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन
बगहा। बढ़ती महंगाई के बावजूद गन्ने की कीमत में सरकार द्वारा कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। ज
बगहा। बढ़ती महंगाई के बावजूद गन्ने की कीमत में सरकार द्वारा कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। जबकि यूरिया समेत किसानों के उपयोग किए जाने वाले सभी खाद व कीटनाशक की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। उपर से बाढ़ व जल जमाव से बर्बाद हुईं फसलों का मुआवजा भी नहीं मिल रहा। इन्ही सभी मांगों के साथ सोमवार को किसान संघ ने अनुमंडल के समक्ष प्रदर्शन किया। किसानों ने नष्ट हुई फसल के मुआवजे सहित अपने सात सूत्री मांगों को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। ईख कास्तकार संघ के प्रदेश सचिव छोटे श्रीवास्तव के नेतृत्व में मुखिया रामविलास सिंह, संजीव गुप्ता, लाल बाबू यादव ,मदन मोहन दुबे आदि किसानों ने एसडीएम को दिए गए ज्ञापन में कहा कि बढ़ती महंगाई के मद्देनजर गन्ना का न्यूनतम मूल्य साढ़े चार सौ रुपये प्रति क्विटल होना चाहिए । साथ ही बाढ़ व जलजमाव से क्षतिग्रस्त फसलों के भरपाई को लेकर किसानों को मुआवजा दिया जाए । इसके अलावा ट्रैक्टर पर लगे व्यवसाय कर को वापस लिया जाए । बाढ़ व कोविड-19 को देखते हुए किसानों के की ऋण को माफ किया जाए ,कृषि उपयोग में होने वाले ट्रैक्टर पर निबंधन शुल्क को समाप्त किया जाए, इसके अलावा विगत 2 वर्षों से गन्ना बीज पर मिलने वाले अनुदान की राशि का अविलंब भुगतान किसानों को किया जाए। किसानों ने कहा कि विगत तीन सालों से गन्ना के मूल्य में कोई भी वृद्धि नहीं हुई है। लेकिन गन्ना के लागत में काफी वृद्धि हुई है। जिससे किसानों को आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है। हाल के दिनों में भारी बारिश एवं जलजमाव के कारण धान व गन्ने की फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में किसानों को उनके क्षति फसलों के मुआवजे भी मिलना चाहिए। कहा कि अगर सरकार के द्वारा उनकी मांगों पर शीघ्र विचार नहीं किया गया तो वे इसको लेकर चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। इस अवसर पर किसान नेता अखिलेश कुमार ,साहेब यादव, मंकेश्वर दीक्षित ,राम सुदामा साहनी, सोहन कुमार, चंद्रजीत राय, मदन चौधरी, दिलीप कुमार, मुन्ना यादव मुन्ना खा,सगीर अहमद आदि किसान मौजूद थे।