नहीं मान रहे किसान, रोज जला रहे पराली
पराली जलाने से खेत की उर्वरा शक्ति नष्ट होती है। फसल के लाभदायक कीट मर जाते हैं और शत्रु कीट नुकसान पहुंचाने लगते हैं। यह बातें रोज कृषि विभाग के अधिकारी गांव-गांव चौपाल लगाकर किसानों को समझा रहे हैं। फिर भी कुछ लोग हैं जो मानते ही नहीं।
बगहा, जागरण टीम। पराली जलाने से खेत की उर्वरा शक्ति नष्ट होती है। फसल के लाभदायक कीट मर जाते हैं और शत्रु कीट नुकसान पहुंचाने लगते हैं। यह बातें रोज कृषि विभाग के अधिकारी गांव-गांव चौपाल लगाकर किसानों को समझा रहे हैं। फिर भी कुछ लोग हैं जो मानते ही नहीं। बगहा दो प्रखंड चमवलिया पंचायत को ही देख लीजिए, यहां गुरवलिया व खिरिया गांव में एक हफ्ते से किसानों में पराली जलाने की होड़ मची है।
पराली जलाने से सिर्फ फसल की उपज ही प्रभावित नहीं होती बल्कि पकड़े जाने पर तीन साल तक विभागीय योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। आरोपी किसान का पंजीकरण काली सूची में डाल दिया जाएगा। हालांकि विभाग द्वारा दावा किया जा रहा है कि ड्रोन से इसकी निगरानी की जा रही है। कृषि कर्मियों के माध्यम से भी इसकी निगरानी करते हुए दोषी किसान को सरकारी लाभ से वंचित करने का आदेश निर्गत किया गया है। बेखौफ किसान लगातार विभिन्न सरेहों में फसल अवशेष जलाते दिख रहे हैं। बीएओ राजकुमार ने बताया कि कृषि कर्मियों के माध्यम से उनको चिन्हित किया जा रहा है अब तक सात किसानों को चिन्हित करते हुए कार्रवाई की जा चुकी है। जिनको डीबीटी पोर्टल से ब्लॉक करते हुए सरकारी योजनाओं के लिए वंचित कर दिया जाएगा।