पूर्ववर्ती छात्रों के मिलन पर ताजा हुए सुनहरे पल
यह अद्भुत नजारा था। उम्र की अंतिम दहलीज पर खड़े, हाथ में छड़ी और कांपते शरीर से अपने शिष्य का माथा चूम रहा था, तो शिष्य गुरु के पैर में लोट-पोट होने को आतुर था।
बेतिया। यह अद्भुत नजारा था। उम्र की अंतिम दहलीज पर खड़े, हाथ में छड़ी और कांपते शरीर से अपने शिष्य का माथा चूम रहा था, तो शिष्य गुरु के पैर में लोट-पोट होने को आतुर था। इतना ही नहीं शिष्य का एक हाथ गुरु के पैर पर था तो शिष्य के पैर भी उसके शिष्यों के हाथ से जकड़े हुए थे। चेहरों पर खुशी के आंसू भी थे। कई पीढि़यों के गुरुओं का एक साथ मिलन हो रहा था। कुछ गुरु अपने शिष्यों को आशीष दे रहे थे, तो अपने गुरुओं से आशीष ग्रहण भी कर रहे थे। गुरुवार को राज इंटर कॉलेज इसका गवाह बना। मौका था राज उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के पूर्ववर्ती छात्रों का संगठन रसोबा की ओर से आयोजित मिलन समारोह का। स्कूल परिसर में आयोजित समारोह के दौरान कई पीढि़यों के शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा किए। समारोह में शिरकत करने वाले दर्जनों शिक्षक ऐसे थे, जिनके शिष्य विद्यालय में कई वर्षो तक अपनी सेवा देने के बाद सेवानिवृत हो चुके हैं या कुछ बर्षो में सेवानिवृत होने वाले हैं। कई ऐसे शिक्षक थे जिनकी उम्र काफी अधिक हो चुकी हैं। सैकड़ों छात्र जिन्हें प्रणाम करते हैं वे शिक्षक भी अपने गुरु के सम्मान में कतारबद्ध थे। इतना ही नहीं यहां देश विदेश में रहकर विभिन्न क्षेत्रों में परचम लहराने वाले राज स्कूल के सैकड़ों पूर्ववर्ती छात्र एकत्रित हुए, एक दूसरे को गले लगाया पूछा कैसे हो यार .। एक दूसरे के नंबर का आदान प्रदान किया और सुख दुख में साथ रहने का वादा किया। कहा बिछड़े यार जब मिले हैं तो इतिहास बनेगा। कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए कई स्तर पर पहल किए गए थे। रसोबा के सदस्यों ने यादगार बनाने के लिए अनोखा रूप दिया था। इस कार्यक्रम की हर एक लोगों ने सराहना की। इस दौरान पुराने शिक्षकों, चिकित्सकों, संगठन के सदस्यों, मैट्रिक परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र एवं विज्ञान में लोहा मनवाने वाले छात्रों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल के प्राचार्य रामेश्वर प्रसाद ¨सह जबकि संचालन पंकज कुमार गुप्ता ने किया। धन्यवाद ज्ञापन विजय रंजन ठाकुर ने किया। कार्यक्रम को मुख्य अतिथि बी के लाल, डा. गोरख प्रसाद मस्ताना, राकेश कुमार फूले, सुनिल कुमार गुप्ता, डा. अंजनी कुमार, डा. सौरभ कुमार, मुक्तिनाथ मिश्र, महेश्वर प्रसाद, जीतेन्द्र नारायण मिश्र, उपेन्द्र ¨सह, गोपीनाथ पांडेय, डा. अनिल महतो, डा. राकेश कुमार, डा. गीत गो¨वद, डा. रवी कुमार, शौकत अली, डा. बसंत शर्मा, दीपक रजगढि़या, उमेश पटेल, राजकुमार, सहमत अली, सूर्यकांत मिश्र, अजय गिरी, मुन्ना कुमार मिश्र, जीतेन्द्र कुमार मिश्र, चन्द्रशेखर प्रसाद, जगमोहन कुमार, पांडेय धर्मेश, ¨प्रस कुमार, संतोष कुमार ¨सह आदि ने संबोधित किया।