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इमरजेंसी ब्रेक लगते ही दहशतजदा हो गए यात्री, मची अफरातफरी

रेल ट्रैक टूटा है, इससे बेखबर 55073 अप सवारी गाड़ी में बैठे यात्री अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 10:34 PM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 10:34 PM (IST)
इमरजेंसी ब्रेक लगते ही दहशतजदा हो गए यात्री, मची अफरातफरी
इमरजेंसी ब्रेक लगते ही दहशतजदा हो गए यात्री, मची अफरातफरी

बगहा। रेल ट्रैक टूटा है, इससे बेखबर 55073 अप सवारी गाड़ी में बैठे यात्री अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे थे। ट्रेन अपनी रफ्तार से आगे बढ़ रही थी, इसी बीच अचानक इमरजेंसी ब्रेक लगा और ट्रेन खड़ी हो गई। इमरजेंसी ब्रेक लगने से यात्री अनहोनी की आशंका पर दहशतजदा हो गए। ट्रेन के रुकने के बाद कई यात्री बाहर निकल आए, इसी बीच जानकारी मिली की ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया है। जानकारी मिलने के बाद यात्रियों के चेहरे पर हवाईयां उड़ने लगी। ट्रैक के टूटने की सूचना मुख्यालय को दी गई। इसके बाद सेक्शन इंजीनियर सुरेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में रेलकर्मी मौके पर पहुंचे और ट्रैक की मरम्मत शुरु हुई। तबतक सवारी गाड़ी खड़ी रही। दूसरी ओर यात्री परेशान रहे। करीब घंटे भर के बाद ट्रैक दुरुस्त हुआ इसके बाद परिचालन बहाल हुआ। दूसरी ओर रेल ट्रैक टूटने की सूचना पर मंगलवार की सुबह स्थानीय लोगों की भीड़ मौके पर जुटी रही। बगहा स्टेशन अधीक्षक जयकुमार प्रसाद ने बताया कि मौसम बदलने पर स्वत: रेल पटरियों के क्षतिग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाती है। यह सामान्य बात है। हालांकि रेल ट्रैक की देखरेख के लिए लगाए गए कर्मियों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व बगहा-वाल्मीकिनगर रोड रेलवे स्टेशन के बीच दो बार रेल पटरी क्षतिग्रस्त हो चुकी है। दोनों बार स्थानीय लोगों की सजगता से ट्रेन दुर्घटना होते होते बची।

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नेसार की सूझबूझ से टला हादसा :-

पेशे से बोलेरो चालक नेसार मियां प्रतिदिन की भांति मंगलवार की सुबह अपनी ड्यूटी पर जा रहे थे। इसी बीच रेल फाटक संख्या 54 सी के समीप खेल रहे कुछ बच्चों ने उन्हें पटरी के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी दी। जानकारी मिलने के बाद नेसार परेशान हो गए। वे अभी कुछ सोचते कि बगहा की ओर से सवारी गाड़ी आती दिखाई दी। नेसार को कुछ नहीं सूझा तो उन्होंने अपना लाल गमछा निकालकर दिखाना शुरु कर दिया। ट्रेन चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया और ट्रेन खड़ी हो गई। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी लोगों की सजगता से हादसा टला था। सितंबर 2016 में मलकौली मोहल्ले के समीप ही चरवाहों ने रेल पटरी के टूटने के बाद गमछा दिखाकर सवारी गाड़ी को रोक दिया था। इसके बाद मंगलपुर रेल गुमटी के समीप कुछ महीनों पूर्व भीम नामक एक बच्चे ने अपना टीशर्ट दिखाकर ट्रेन को रोककर सैकड़ों यात्रियों की जान बचाई थी। बार बार रेल पटरियों के क्षतिग्रस्त होने के कारण सुरक्षित रेल परिचालन पर सवाल उठ रहे हैं।


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