सब्जी की खेती से गांव में आई आर्थिक समृद्धि
नगर(प. चंपारण) संसू. रामनगर प्रखंड के आधा दर्जन गांवों में सब्जी की खेती कर न सिर्फ किसान आर्थिक रूप से संपन्न बने बल्कि दूसरों को भी प्रेरित किया। उनकी प्रेरणा से कई प्रगतिशील किसान पारंपरिक खेती से उपर उठकर सब्जी उगा रहे हैं।
रामनगर(प. चंपारण), संसू. : रामनगर प्रखंड के आधा दर्जन गांवों में सब्जी की खेती कर न सिर्फ किसान आर्थिक रूप से संपन्न बने बल्कि दूसरों को भी प्रेरित किया। उनकी प्रेरणा से कई प्रगतिशील किसान पारंपरिक खेती से उपर उठकर सब्जी उगा रहे हैं। पहले ये सभी किसान गन्ने की खेती करते थे। लेकिन परेशानियों से रूबरू होने के बाद किसानों ने विकल्प के रूप सब्जी की खेती आरंभ की। अभी यह इलाका सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में हब बन गया है। बेतिया, नरकटियागंज, बगहा आदि के व्यापारी आकर इनके खेतों से सब्जी खरीद कर ले जाते हैं। चीनी मिल की मनमानी , गन्ना मूल्य का भुगतान का समय से नहीं होने व धान-गेहूं की पारंपरिक खेती से उब चुके किसानों ने सब्जी की खेती के बावत पहले जानकारी हासिल की। इसके उपरांत आधुनिक तकनीकी से उन्नत नस्ल के बीज का प्रयोग कर सब्जी की खेती की। मुनासिब उत्पादन होने के बाद किसानों का उत्साह बढ़ा और फिर एक नई कहानी की शुरूआत हो गई। क्षेत्र में हरि मिर्च, बैंगन, गोभी, करैला, परवल, टमाटर, नेनुआ, आलू आदि की व्यापक पैमाने पर खेती की जा रही है।
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फगुनहटा गांव से शुरू हुई बदलाव की कहानी :-
रामनगर के सपही पंचायत स्थित फगुनहटा गांव में खीरे की खेती से सब्जी की खेती शुरू हुई। इसके बाद सबुनी, बंजरिया आदि गांव के किसानों ने खेती की। मुनाफा होने के बाद कई किसानों ने सब्जी की खेती को जीविकोपार्जन का मुख्य साधन बना लिया। आज प्रखंड में हर साल लाखों रुपये मूल्य की सब्जी का उत्पादन हो रहा है। सबुनी, मुजरा, सिलवटिया, बड़गो, बंजरिया, सपही, फगुनहटा, पथरी, भावल, सिगाही, फुलवरिया, दुबौलिया, सोहसा आदि गांवों में बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती हो रही है।
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दूसरे शहरों को भेजी जा रही सब्जियां :-
प्रखंड में उत्पादित सब्जी को दूसरे शहर को भेजा जा रहा है। किसानों के अथक परिश्रम का फल है कि प्रखंड क्षेत्र में सब्जी का कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में रामनगर में दूसरे शहरों में उत्पादित सब्जियां बेची जाती थी। किन्तु आज नगर के गली से लेकर गांव तक बिकने वाली सब्जी रामनगर में ही उत्पादित होती है। सोनखर के तबरेज साह ने खेत बटाई लेकर सब्जी का धंधा शुरू किया। आज अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। फुलवरिया गांव के मजीद साह के पास भूमि नहीं थी। जमीन बटाई पर लेकर सब्जी की खेती की। फिर आर्थिक समृद्धि आई तथा उन्होंने ढ़ाई एकड़ जमीन खरीद ली है। मजीद ने अपनी बेटियों का विवाह भी धूमधाम से किया। लुकमान साह व फिरोज का कहना है कि पहले धान, गेहूं व गन्ने की खेती करते थे। लेकिन सब्जी की खेती के बाद हमारी सोच और आर्थिक स्थिति दोनों बदल गई।
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बयान :
सब्जी की खेती प्रखंड के किसानों के लिए अच्छी पहल है। इससे एक साल में चार फसल काटकर किसान अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। सरकार सब्जी की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है।
शंभू शरण सिंह, कृषि पदाधिकारी, रामनगर
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