धूमधाम व गाजे बाजे के साथ निकली बेलवंती मां की डोली यात्रा
चौतरवा। शारदीय नवरात्र के सप्तमी शनिवार को क्षेत्र के विभिन्न पूजा पंडालों से माता बेलवंती की डोली यात्रा निकाली गई।
चौतरवा। शारदीय नवरात्र के सप्तमी शनिवार को क्षेत्र के विभिन्न पूजा पंडालों से माता बेलवंती की डोली यात्रा निकाली गई। इस दौरान दुर्गा माता की जय जयकार से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। आचार्य विपिन कुमार शास्त्री ने बताया कि परंपरागत नवरात्र के सप्तमी तिथि को माता बेलवंती की डोली यात्रा निकाली जाती है। मान्यता है कि इस दिन मां दुर्गा बेल के पेड़ पर आ जाती है। इसी कारण माता को बेलवंती माता के नाम से भी पुकारा जाता है। जहां से वेदमंत्रोच्चारण के साथ प्रार्थना व निवेदन के साथ माता को डोली में बिठाकर पूजास्थलों तक ले जाया जाता है। जहां प्रतिस्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा में मंत्र के आह्वान के द्वारा प्राण प्रतिष्ठा कराई जाती है। पुन: मंत्रोचारण के साथ माता का पट खोला जाता है। चौतरवा, परसौनी, इंगलिशिया, सिसवा वसंतपुर समेत अन्य पूजा पांडालों से माता बेलवंती की डोली यात्रा निकाली गई। इस दौरान भक्तों की लंबी कतार साथ साथ चल रही थी। दुर्गा माता की जय जयकार से पूरा क्षेत्र गुंजायमान रहा। चौतरवा चौक की पूजा समिति कोट माई स्थान परिसर से माता बेलवंती को डोली में बिठाकर लाए। वहीं परसौनी हाई स्कूल में पूजा पांडाल से निकल जूलूस गाजेबाजे के साथ मझौवा, नवका टोला, पड़री, परसौनी कॉलोनी होते हुए वापस पूजा पंडाल में पहुंची। जहां वेद मंत्रोच्चारण के साथ प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा कराने के बाद मुखपट खोला गया।इसके साथ ही माता के भक्तों की पूजा पूरे जोरों पर प्रारम्भ हो गई। परसौनी में पूजा समिति के सदस्य नीतीश चंद्रवंशी, रामनाथ साह, सुदामा खरवार, अर्जुन, अशोक, सन्नी, संदीप, राकेश, चंदन व धनंजय आदि स्वयंसेवक के कार्य सराहनीय बताया जा रहा है। वही शारदीय नवरात्र के सप्तमी के दिन बंगाली समुदाय में माता बेलवंती की डोली यात्रा की परंपरा नहीं है।