स्वस्थ काया के लिए करें योग, रहें आजीवन निरोग
बगहा। योग भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर है। योग के बल पर गंभीर बीमारियों को मात दिया जा सकता है। बी
बगहा। योग भारतीय संस्कृति की अनमोल धरोहर है। योग के बल पर गंभीर बीमारियों को मात दिया जा सकता है। बीते कुछ महीनों में योग के प्रति लोगों का झुकाव बढ़ा है। प्रतिदिन योग से लोग जुड़ते जा रहे हैं। योग एक संपूर्ण श्रेष्ठ जीवनशैली है। जिसमें योगासन करने से शरीर मन तथा भावनाओं का संतुलन व नवशक्ति का संचार होता है। नगर के योगाचार्य आचार्य स्वामी पद्मेश ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए योग अत्यंत जरूरी है। योग के नियमित अभ्यास से जहां व्यक्ति निरोग रहता है वहीं उसके रचनात्मक उर्जा के प्रवाह को बढ़ा देता है। एक सकारात्मक सोच पैदा करता है। योग के प्रभाव से शांति, स्वास्थ्य एवं प्रचंड उर्जा से व्यक्ति समाज और राष्ट्र के विकास में अपना योगदान देता है। अच्छा स्वास्थ्य ही सफल जीवन का आधार है। बताते हैं कि मेरे अपने स्कूल एम. ए. वाई सेंट्रल पब्लिक स्कूल में प्रति दिन सुबह साढ़े छ: बजे से सात बजे तक छात्र-छात्राओं को योग की शिक्षा दी जाती है। सभी को जीवन में योग के महत्व को भी बताया जाता है।
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योग से दूर हुई बीमारी :-
नगर के व्यवसायी सह समाजसेवी विष्णुप्रकाश गुप्ता कहते है कि योग ने मेरे जीवन को बदल दिया है। पूर्व में अक्सर मैं बीमार रहता था। जब से योग शुरू किया, रोग दूर भाग गया है। योग से कई रोगों का निदान हो सकता है।
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ये आसन हैं लाभदायक :-
बज्रासन :- भोजन के बाद इस आसन को अपनाने से गैस्ट्रिक, कब्ज, अपच समेत पेट की अन्य बीमारियां दूर होती हैं।
पवन मुक्तासन :- गठिया, जोड़ों का दर्द, साइटिका, ब्लड प्रेशर, डाइबीटीज में राहत।
मंडुप आसन :- यह मधुमेह के लिए रामबाण आसन है।
प्राणायाम, अनुलोम विलोम, नाड़ी शोधन व कपाल भांति :- रक्तचाप, हृदय रोग व श्वसन रोगों में बेहद लाभदायक
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योग की पाठशाला में जुटते हैं युवा व बुजुर्ग :-
नगर के बगहा एक आर्य समाज मंदिर बनकटवा में प्रति दिन सुबह पांच बजे से लेकर सात बजे तक योग का नियमित प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें नगर के चार से पांच दर्जन लोग भाग लेते है। योग नगर के ही मंजूर आलम तथा परमेश्वर प्रसाद द्वारा कराया जाता है। इसके अतिरिक्त समय समय पर योग का शिविर का आयोजन किया जाता है।