इस अस्पताल में मरीजों का इलाज नहीं, बच्चों की होती पढ़ाई
बगहा। हरनाटांड़, बगहा दो प्रखंड के थरुहट क्षेत्र में एक ऐसा भी अस्पताल है जहां मरीजों का इलाज नहीं बल
बगहा। हरनाटांड़, बगहा दो प्रखंड के थरुहट क्षेत्र में एक ऐसा भी अस्पताल है जहां मरीजों का इलाज नहीं बल्कि बच्चों की पढ़ाई होती है। इस अस्पताल में डॉक्टर की जगह शिक्षक होते हैं और मरीज की जगह बच्चे। जो प्रतिदिन यहां पठन पाठन करते हैं। जी हां सुनकर थोड़ा आश्चर्य होगा लेकिन ये हकीकत है। दरअसल , बगहा दो प्रखंड के बेलहवा मदनपुर पंचायत के बेलहवा गांव में करीब चार वर्ष पूर्व बिहार सरकार द्वारा लाखों की लागत से अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया गया। सुदूरवर्ती गांव में छह बेड वाले इतने बड़े अस्पताल के निर्माण से बेलहवा गांव के ग्रामीणों में आस जगी कि अब हमें इलाज के लिए दस से बीस किमी की दूरी तय कर हरनाटांड़ और बगहा नहीं जाना पड़ेगा। अब उनका इलाज गांव के ही सरकारी अस्पताल में हो जाएगा। लेकिन यह सपना जैसा लगता है। अस्पताल निर्माण के चार साल बाद भी यहां चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं कि गई। चिकित्सक तो छोड़िए यहां न तो एक नर्स की नियुक्ति हुई और न ही कोई संसाधन है। नतीजतन अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन की हालत काफी जर्जर हो चुकी है। कांच की खिड़कियां और दरवाजे सभी असमाजिक तत्वों का शिकार होकर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। अस्पताल में नहीं हुई चिकित्सकों की बहाली : करीब चार साल पहले बेलहवा गांव में छह बेड का अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनकर तैयार हो गया और बीते दो वर्ष पूर्व इसे स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित भी किया जा चुका है। बावजूद इसके यहां न तो चिकित्सक की बहाली हुई, न नर्सों की और न ही सुविधाएं मुहैया कराई गई। अस्पताल के बगल में ही राजकीय प्राथमिक विद्यालय, बेलहवा का संचालन होता है। यहां एक मात्र भवन में तीन कमरे ही हैं। जिसकी वजह से वर्ग संचालन में काफी कठिनाई होती है। विद्यालय में करीब ढ़ाई सौ बच्चे अध्ययनरत हैं। जो तीन कमरों में नहीं बैठ पाते यहीं कारण है कि बगल के वीरान पड़े एपीएचसी में बच्चों को आश्रय लेना पड़ता है। बयान :
विभाग को कई बार अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलहवा में चिकित्सक की नियुक्ति और सुविधा बहाल करने के लिए पत्राचार किया जा चुका है। बावजूद इसके यहां सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। जिसकी वजह से ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। हालांकि यहां नर्स की बहाली की गई है, जो टीकाकरण का काम करती है।
डॉ. राजेश ¨सह नीरज
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, हरनाटांड़ बयान :
प्राथमिक विद्यालय, बेलहवा में भवन की कमी है। बच्चों की संख्या अधिक है। तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था कर वहां शिक्षक अस्पताल के खाली पड़े भवन में बच्चों को पढ़ाते हैं। भवन निर्माण कराने के लिए उच्चाधिकारियों के पास प्रतिवेदन भेजा गया है। राशि आने के साथ निर्माण कार्य आरंभ करा दिया जाएगा।
-- सुभाष बैठा, बीईओ, बगहा दो