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शैलपुत्री रूप की पूजा से चैत्र नवरात्र का शुभारंभ

बेतिया। कोविड-19 के चलते माता की आराधना को लेकर मंदिरों में श्रद्धालुओं ने विशेष सावधानी बर

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 12:16 AM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 12:16 AM (IST)
शैलपुत्री रूप की पूजा से चैत्र नवरात्र का शुभारंभ
शैलपुत्री रूप की पूजा से चैत्र नवरात्र का शुभारंभ

बेतिया। कोविड-19 के चलते माता की आराधना को लेकर मंदिरों में श्रद्धालुओं ने विशेष सावधानी बरती। मंगलवार को माता के शैलपुत्री रूप की पूजा से चैत्र नवरात्र का शुभारंभ हो गया। इसी के साथ जिले के मंदिर माता के पूजा आराधना से गुलजार हो गया। पहले दिन माता भगवती के प्रथम रूप माता शैलपुत्री की विशेष आराधना हुई। मौके पर भक्तों ने माता के चरणों में अपना सिस झुकाया और उनके शान में जयकारा लगाएं। हालांकि कोरोना वायरस के चलते सरकार की ओर से भी मंदिरों को बंद करने का आदेश थे। बावजूद श्रद्धालुओं के उत्साह कम नहीं हुआ। विशेषकर नगर के दुर्गाबाग, काली धाम मंदिर, पटजिरवा व भंगहा माई स्थान में कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए श्रद्धालुओं ने मां भगवती की विधिवत पूजा की। अधिकांश देवी मंदिरों में पुजारी के द्वारा कलश की स्थापना की गई थी। वहीं अधिकांश श्रद्धालुओं ने अपने-अपने घरों में कलश की स्थापना कर खुद मां भागवती की आराधना की।

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घर में कलश स्थापना से होता शुद्धिकरण

लौरिया प्रखंड के गौबरउरा के मुखिया चंद्रशेखर मिश्र बताते हैं कि वे कोरोना काल से पहले भी चैत्र नवरात्र की पूजा उनके घर में होती थी। घर में कलश की स्थापना की जाती है। पूरे श्रद्धा भाव से परिवार के सभी सदस्य इस पूजा में भाग लेते है। उनका मानना हैं कि घर में कलश स्थापना कर देवी मां की आराधना करने से घर की शुद्धीकरण होती है। वहीं पटजिरवा के सुजीव कुमार बताते हैं कि महामारी काल में मंदिर में भीड़ लगाना है। इस पिछले वर्ष की भांति इस बार मां भगवती की पूजा-अर्चना अपने घर में कर रहे है, ताकि कोविड-19 का संक्रमण नहीं फैले। खिरिया घाट निवासी प्रवीण तिवारी व आईटीआई के जितेंद्र कुमार बताते हैं कि देवी मां सब दुखों को हरती है। कोरोना काल में महामारी से बचने के लिए वे अपने-अपने घर में ही कलश स्थापित कर विधिवत तरीके से पूजा-अर्चना कर रहे है।

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कोरोना संक्रमण को देखते हुए नवरात्र में किसी मंदिर में जाने की अपेक्षा घर में ही मां की आराधना करना श्रेयस्कर होगा। दर असल, जब हमें काम क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार जैसे असुरों को अपने क्षमा, दया, करूणा, प्रेम आदि दैवी संस्कारों द्वारा पराजित करना है, तो फिर कहीं बाहर जाने की क्या आवश्यकता है।

आचार्य मुरली मनोहर शुक्ला

--------------------------------- नवरात्र पूजा श्रद्धा व विश्वास का पर्व है। इसमें श्रद्धालु देवी मां की नौ दिन उपासना करते है। इनदिनों कोरोना का संक्रमण फैल रहा है। ऐसे में श्रद्धालुओं को उपवास के साथ अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना जरूर है। ताकि उनकी इम्युनिटी सिस्टम स्वस्थ्य रहे। इसके लिए जरूरी हैं कि वे विटामिन सी युक्त फल का सेवन करें। नारंगी, तरबूज, करकरी, खीरा, नींबू, बेल का शरबत आदि फल का सेवन करें। इससे शरीर की इम्युनिटी सिस्टम मजबूत रहेगी।

-- डॉ. अमिताभ चौधरी


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