बैंकों की हड़ताल से करोड़ों का कारोबार प्रभावित
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर दूसरे दिन गुरुवार को भी बैंक कर्मी हड़ताल पर रहे। जिले के सरकारी एवं गैर सरकारी बैंक पूर्णत: बंद रहे।
बेतिया। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर दूसरे दिन गुरुवार को भी बैंक कर्मी हड़ताल पर रहे। जिले के सरकारी एवं गैर सरकारी बैंक पूर्णत: बंद रहे। बैंक पहुंचे ग्राहकों को बैरंग वापस लौटना पड़ा। विभिन्न बैंकों की करीब 108 शाखाओं में ताला लगा रहा। सम्मानजनक वेतन पुनरीक्षण, 2 फीसद वेतन वृद्धि सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में आहूत हड़ताल की वजह से बैंकों का कामकाज पूरी तरह ठप रहा। दो दिनों के हड़ताल के कारण करीब पांच सौ करोड़ के कारोबार प्रभावित होने की संभावना हैं। एटीएम भी नहीं खुले। इंटरनेट चैनेल पर प्रभावित रहा। कर्मचारी और अधिकारी बैंक तो पहुंचे लेकिन ताला जड़ धरना पर बैठ गए। हड़ताली कर्मियों ने सम्मानजनक वेतन को अंतिम रूप देने के लिए केंद्र सरकार को चेतावनी दी। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर बरसे। वक्ताओं ने मांग पूरी नहीं होने पर चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी भी जारी की। बीइएफआइ के सहायक सचिव राकेश कुमार, पीएनबी के जावेद इक्बाल, नवीन कुमार, बीओआइ के रीतेश कुमार, पीएनबी के शकील अहमद, पीएनबी के उदय शंकर तिवारी, मनिन्द्र तिवारी आदि ने मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद की। सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इधर, भारतीय स्टेट बैंक की कृषि शाखा के मुख्य द्वार पर कर्मचारी व अधिकारियों ने धरना दिया। धरना का नेतृत्व कर रहे स्टेट बैंक पदाधिकारी संघ के जिला सचिव शैलेश जायसवाल ने कहा कि बैक कर्मियों का वेतन समझौता नवंबर 2017 में देय था, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गई हैं। बैंक यूनियन एवं आइबीए की बैठक में सरकार द्वारा वेतन वृद्धि मात्र दो फीसद करने का यूनियन विरोध करता हैं। स्टेट बैंक ऑफ स्टाफ एसोसिएशन के सहायक महासचिव ओमप्रकाश मिश्र ने कहा कि बैंक कर्मचारी रात दिन एक कर बैंकों के लिए काम करते हैं। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में उनकी भूमिका अहम हैं। बावजूद उनकी मांग की अनदेखी कहीं से भी जायज नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांग को गंभीरता से नहीं लिया गया तो आने वाले समय में आंदोलन तेज हो सकता हैं। धरना को संबोधित करने वालों में संतघाट शाखा के शाखा प्रबंधक रमण तिवारी, सुरेश गुप्ता, जितेन्द्र प्रसाद, राजन कुमार, धीरज प्रसाद, रवि कुमार, राजेश कुशवाहा, विनोद विश्वकर्मा, पुनदेव कुमार, सुभाष ¨सह, प्रभाकर कुमार, प्रभू प्रसाद, रवि केसरी, मुकेश कुमार, मदन गुप्ता, रवि प्रकाश श्रीवास्तव, मणिकांत तिवारी, विकास कुमार, राहुल कुमार, रामबालक राम, आर पी मिश्र, आदि ने संबोधित किया।