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थारू और आदिवासी नृत्य को देखकर अभीभूत हुए सीएम

वाल्मीकिनगर, गांव हमार देख अ स्वर्ग से सुंदर बा, इहा के लोगवा भी जइसे देवता के जइसन बा..। सोंधी सोंधी माटी के खुशबू, हवा में जइसे अमृत भरल बा.. जे भी आए इहा के हो जाए, एतना मस्ती भरल बा..।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 07:47 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 07:47 PM (IST)
थारू और आदिवासी नृत्य को देखकर अभीभूत हुए सीएम
थारू और आदिवासी नृत्य को देखकर अभीभूत हुए सीएम

बगहा। वाल्मीकिनगर, गांव हमार देख अ स्वर्ग से सुंदर बा, इहा के लोगवा भी जइसे देवता के जइसन बा..। सोंधी सोंधी माटी के खुशबू, हवा में जइसे अमृत भरल बा.. जे भी आए इहा के हो जाए, एतना मस्ती भरल बा..। थरूहट के परंपरागत झखरा नृत्य को प्रस्तुत कर रही युवाओं की टोली इस गीत की थाप पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन उर्फ लल्लन ¨सह, वाल्मीकिनगर सांसद सतीशचंद्र दूबे, विधायक भागीरथी देवी, धीरेंद्र प्रताप समेत अन्य की उपस्थिति में थारू युवाओं ने समां बांध दिया। इससे पूर्व थरूहट की महादेवा कला मंच की महिला कलाकारों ने झमटा नृत्य की जानदार प्रस्तुति दी। उरांव जनजाति के युवक-युवतियों ने करमा-धरमा नृत्य की सस्वर प्रस्तुति दी। इस दौरान क्षेत्र संख्या 2 की जिला पार्षद कुसूम देवी ने थारू समाज के उत्थान के लिए योजनाएं चलाने की अपील मुख्यमंत्री से की। डलिया और मउनी देखकर अभिभूत हुए सीएम :-

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होटल वाल्मीकि विहार परिसर में इको विकास समिति की महिलाओं ने डलिया, मउनी, जूट बैग, जूट टोपी, जूट जूता, जूट चप्पल, जूट आसन आदि का स्टाल लगाया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब इस ओर का रुख किया तो महिलाओं का हौसला बढ़ा। उन्होंने डलिया और मउनी को गौर से देखा और महिलाओं से इसे बनाने के तरीके की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने पूछा कि इसे कैसे बेचते हैं और क्या कीमत मिलती है। महिलाओं ने बिक्री की कोई व्यवस्था नहीं होने की जानकारी दी। सीएम ने तत्काल वाल्मीकिनगर में ही स्थायी विक्रय केंद्र की स्थापना का आदेश दिया। थारू-आदिवासी युवाओं को मिल रहा रोजगार :-

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सरकार इको टूरिज्म का विकास थारू और आदिवासी जनजाति को केंद्र में रखकर कर रही है। थरूहट और वनवर्ती क्षेत्र के 40 युवाओं को हाल ही में गाइड के प्रशिक्षण के लिए दुधवा नेशनल पार्क भेजा गया है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यहां की सांस्कृतिक कलाकृति सूबे की धरोहर है। जिसके संरक्षण और संवर्धन की व्यवस्था सरकार करेगी।


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