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CM नीतीश ने कहा- बेटियां अब बोझ नहीं, जन्म लेते ही मिलने लगेगी सरकारी मदद

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को बगहा में थारू महोत्‍सव का उद्घाटन किया। उन्होने कहा कि बेटियां अब बोझ नहीं हैं। अब जन्म लेते ही उन्हें सरकारी मदद मिलने लगेगी।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 09:39 AM (IST)Updated: Tue, 22 May 2018 10:00 PM (IST)
CM नीतीश ने कहा- बेटियां अब बोझ नहीं, जन्म लेते ही मिलने लगेगी सरकारी मदद
CM नीतीश ने कहा- बेटियां अब बोझ नहीं, जन्म लेते ही मिलने लगेगी सरकारी मदद

पश्चिम चंपारण [जेएनएन]। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बेटियां अब राज्य में बोझ नहीं बनेंगी। जन्म के साथ ही उन्हें दो हजार रुपये की मदद मिलेगी। पहले टीकाकरण पर भी दो हजार रुपये मिलेंगे। इसी तरह पढ़ाई में भी आर्थिक सहायता मिलती रहेगी।

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यानी बेटी के जन्म से ग्रेजुएट तक 54,100 रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी, जो छात्रवृत्ति व पहले से प्रदत्त सहायता के अतिरिक्त होगी। साथ ही आवासीय विद्यालय में पढऩेवाले छात्र छात्राओं को अनुदान के रूप में  एक-एक हजार रुपये मिलेंगे।

वे मंगलवार को बगहा दो प्रखंड के बिनवलिया में थारू कल्याण महासंघ के महाधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने नारी सशक्तीकरण के प्रति संकल्प जताया। कहा कि शराबबंदी, बाल विवाह निषेध व दहेज उन्मूलन सरकार के नारी सशक्तीकरण  की दिशा में उठाया गया कदम ही है।
बढ़ेगा आरक्षण का दायरा  
मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण का दायरा बढ़ाने की घोषणा भी की। 2021 में होने वाली जनगणना के बाद आबादी के अनुसार आरक्षण का दायरा बढ़ाया जाएगा। कहा कि थारू जनजाति के लिए उन्होंने बहुत प्रयास किए हैं। केंद्र में जब अटल सरकार थी तब वह रेलमंत्री हुआ करते थे। उस समय उन्होंने तत्कालीन आदिवासी मंत्री से मिलकर थारू समाज को जनजाति का दर्जा दिलाने का कार्य किया था।

बिहार में मुख्यमंत्री बनने के बाद जनवरी 2009 में विकास यात्रा के पूर्व उसी दिन सुबह में कैबिनेट की बैठक बुलाकर थारू समाज के लिए थरुहट समेकित विकास अभिकरण लागू किया। इसके माध्यम से अभी तक 125 करोड़ की राशि थारू समाज के कल्याण पर खर्च किए गए हैं। कुल 260 योजनाएं चयनित की गई, जिसमें से 239 पूरी कर ली गई है। अनुसूचित जाति जनजाति के 2049 युवाओं को रोजगार दिया गया है। 
नौरंगिया गोलीकांड पर जताया अफसोस 
नौरंगिया गोलीकांड पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि गोलीकांड में सभी नियमों को शिथिल कर मुआवजा दिया गया। सात लोगों का नियोजन भी होगा। इसके लिए शिक्षा की बाध्यता को शिथिल किया गया है। स्वच्छता के मुद्दे पर चर्चा करते हुए कहा कि चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में चंपारण को खुले में शौच से मुक्ति की मंशा थी, मगर यह नहीं हो सका। आगे यह अभियान जारी रहेगा। 
गन्ना मंत्री ने कहा- भगवान ने चाहा तो दो माह में भुगतान
राज्य के गन्ना उद्योग व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री फिरोज उर्फ खुर्शीद आलम ने कहा कि भगवान ने चाहा तो गन्ना मूल्य का भुगतान दो माह में हो जाएगा। सरकार गन्ना मूल्य भुगतान के लिए प्रयासरत है। हालांकि संबोधन के दौरान कुछ किसानों ने उनका विरोध भी किया। 
एनडीए विकास का पर्याय 
वाल्मीकिनगर के सांसद सतीश चंद्र दुबे कहा कि एनडीए विकास का पर्याय है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में चंपारण का जितना विकास हुआ उतना कभी नहीं हुआ। एनडीए सदैव थारूओं के कल्याण और विकास की दिशा में प्रयासरत रहा। मुख्यमंत्री स्वयं व्यक्तिगत रूचि लेकर इस समाज के कल्याण के लिए तत्पर रहें।

किसानों की समस्यायों को लेकर भी केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की नीतीश सरकार गंभीर है। वाल्मीकिनगर के विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह ने गन्ना भुगतान की मांग करते हुए कहा कि सरकार और मुख्यमंत्री इसके लिए गंभीर है। उन्होंने मुख्यमंत्री  से नलकूप सिंचाई की राशि को बढ़ाने की मांग की। 


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