अमृत बनकर बरसा बादल, खेतों की लौटी हरियाली
नरकटियागंज। पिछले दो दिनों तेज हवा के साथ हुई बारिश ने एक तरफ जहां किसानों में जान फूंक दी है वहीं खेतों की हरियाली लौट आई है। लेकिन तेज हवा के झोंकों से गन्ना फसलों को नुकसान हुआ है।
नरकटियागंज। पिछले दो दिनों तेज हवा के साथ हुई बारिश ने एक तरफ जहां किसानों में जान फूंक दी है वहीं खेतों की हरियाली लौट आई है। लेकिन तेज हवा के झोंकों से गन्ना फसलों को नुकसान हुआ है। गन्ना फसल गिर गए हैं। बता दें कि कुछ सप्ताह से किसान बादलों की ओर टकटकी लगाए हुए थे। धान की फसलों की सिचाई को लेकर उनकी चिता बनी हुई थी। सक्षम किसान पंपसेट से महंगी सिचाई कर किसी तरह धान को बचाने में लगे रहे। लेकिन छोटे छोटे किसानों के सामने यह बड़ी समस्या रही। एक तरफ चिलचिलाती धूप से खत्म हो रही खेतों की नमी तो दूसरी तरफ उन खेतों में खरपतवार की अधिकता से किसान बेचैन रहे। खासकर आगत प्रभेद वाले धान की फसलों की बालियां निकलनी भी मुश्किल हो गई थी। पानी के बिना अपने फसल की बर्बादी किसान देख रहे थे। लेकिन पिछले दो दिनों क्षेत्र में हुई बारिश से धान की रौनकता लौट आई है। इसका असर खेतों में दिखने लगा है। सरेह हरे हरे भरे हो गए हैं। खेतों में पानी लग गया है। कल तक जिन खेतों में दरार पड़ गए थे, इस बारिश से उनकी भी हरियाली लौट आई है। किसान महेंद्र यादव, गुलरेज अख्तर ने बताया कि सिचाई के लिए नहरे चौपट हो गई हैं। किसानों को पानी खरीद कर खेतों की सिचाई करनी पड़ती है, जो छोटे-छोटे किसानों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण हो रहा है। ऐसे में यह बारिश किसानों के लिए अमृत के रूप में खेतों में पड़ी है। इधर, विशेषज्ञों का कहना है कि गन्ना गिरने से वजन में 20 फीसद की गिरावट होती है। किसानों का कहना है कि क्षेत्र की कई उप वितरणियां बेकार हो गई हैं। पईन की हालत यह कि उनमें बहुतेरों का वजूद ही खत्म हो गया।