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मौसम में बदलाव से बच्चे हो रहे आक्रांत, वायरल के शिकार होकर पहुंच रहे अस्पताल

बगहा । मौसम के मिजाज में लगातार बदलाव हो रहा है। कभी तेज धूप से गर्मी तो कभी बारिश की वजह से वातावरण में नमी बनी रहती है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 11:01 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 11:01 PM (IST)
मौसम में बदलाव से बच्चे हो रहे आक्रांत, वायरल के शिकार होकर पहुंच रहे अस्पताल
मौसम में बदलाव से बच्चे हो रहे आक्रांत, वायरल के शिकार होकर पहुंच रहे अस्पताल

बगहा । मौसम के मिजाज में लगातार बदलाव हो रहा है। कभी तेज धूप से गर्मी तो कभी बारिश की वजह से वातावरण में नमी बनी रहती है। मौसम में हो रहे यही परिवर्तन की वजह से लोग वायरल का शिकार हो रहे हैं। इसमे अधिक संख्या छोटे बच्चों की है। जो मौसम में तब्दीली के कारण बीमार पड़ रहे हैं। मौसम परिवर्तन के कारण बच्चे वायरल इंफेक्शन, सर्दी, खांसी व बुखार की चपेट में आ रहे हैं। हरनाटांड़ स्थित निजी क्लीनिकों में आयदिन दर्जनों ऐसे मरीज देखें जा रहे हैं जो वायरल से आक्रांत हों। खासकर शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक के ओपीडी में बीमार पड़ने वाले बच्चों की संख्या अच्छी-खासी दिख रही है। प्रतिदिन सौ से अधिक बच्चे वायरल का शिकार होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। जिसमें सर्दी खांसी से लेकर टायफायड व दिमागी बुखार तथा मलेरिया के मरीज अधिक आ रहे हैं। प्रतिदिन 50 से अधिक बच्चे वायरल का शिकार हो पहुंच रहे अस्पताल : हरनाटांड़ स्थित कृष्णा हॉस्पिटल में भी कुछ ऐसी ही स्थिति देखी जा रही है। यहां बच्चों का इलाज कर रहे नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. कृष्ण मोहन प्रसाद की मानें तो कुछ दिनों से काफी संख्या में बच्चे बीमार होकर इलाज के लिए अस्पताल में आ रहे हैं। इन बच्चों में अधिकतर वायरल बीमारी यानि सर्दी, खांसी व बुखार से संबंधित रहते हैं। दरअसल उमस, गर्मी व बारिश से इस मौसम में शरीर पर किसी भी वाह्य रोग का असर जल्दी होता है। वैसे किसी भी वायरस की वजह से होने वाला बुखार वायरल बुखार कहलाता है। चिकित्सक डॉ. कृष्ण मोहन प्रसाद बताते हैं कि यह विशेषकर मौसम बदलने के दौरान होने वाली बीमारी है। जब भी मौसम बदलता है तब तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण मानव शरीर प्रतिरक्षी तंत्री कमजोर पड़ जाती है और शरीर जल्दी वायरस के संक्रमण में आ जाता है। मौसम परिवर्तन के कारण बच्चे वायरल इंफेक्शन से पीड़ित हो रहे हैं। बच्चों में सर्दी, खांसी व बुखार अधिक देखा जा रहा है। बच्चों के अभिभावकों को उनकी खास ध्यान रखने की आवश्यकता : शिशु एवं बल रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. के एम प्रसाद का कहना है कि ऐसे समय में बच्चे को ठंडा पानी, कोल्ड ड्रींक्स आदि से दूर रखें। अगर घर का कोई सदस्य सर्दी-खांसी या बुखार से पीड़ित है तो दूसरे बच्चे भी संक्रमित हो सकते हैं। अगर कोई बच्चा संक्रमित है तो अन्य बच्चों को उससे अलग रखें। चिकित्सक के अनुसार जब तापमान में तेजी से उतार-चढ़ाव होता है तो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिससे कई तरह की बीमारियां पैदा हो जाती हैं। यहीं कारण है कि इन दिनों अस्पताल में सर्दी, खांसी, जुकाम और वायरल फीवर के मरीज अधिक पहुंच रहे हैं। ऐसे में बच्चों के अभिभावकों को खास ध्यान रखने की आवश्यकता है। बच्चों को इनसे बचाने के लिए कपड़े ठीक से पहनाएं। बच्चों के साथ साथ सभी फूल बाजू कपड़ा पहनिए और मच्छरदानी लगाकर ही सोए। घर के आसपास गंदे पानी व गंदगी इकट्ठा न होने दें। कहीं पानी जमा है तो वहां केरोसिन का छिड़काव करें। वहीं बच्चों को रोज या एक दिन छोड़कर नहलाएं और कोल्डड्रिक पीने दें। सुबह और शाम की सर्दी से बचाव रखें। उन्हें खाद्य सामग्री हाथ धोकर ही खिलाएं। जबकि ये कोशिश रहे कि पानी उबला हुआ ही पिएं।

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