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भूमि लूट का केंद्र बना है चंपारण: माले

नरकटियागंज, भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने गुरुवार को कहा कि मोदी शासनकाल में बिहार और खासकर चंपारण भूमि लूट का केंद्र बना हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 09:20 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 09:20 PM (IST)
भूमि लूट का केंद्र बना है चंपारण: माले
भूमि लूट का केंद्र बना है चंपारण: माले

बेतिया। नरकटियागंज, भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने गुरुवार को कहा कि मोदी शासनकाल में बिहार और खासकर चंपारण भूमि लूट का केंद्र बना हुआ है। भाजपा जदयू की नीतीश सरकार में अंचल कार्यालय से लेकर समाहर्ता कार्यालय तक फर्जी कागजातों को बनाने का काम भूमि लुटेरों के पक्ष में हो रहा है। इसके आधार पर न्यायालय की आंखों में धूल झोंक कर चंपारण की लाखो एकड़ वास - आवास और खेती की जमीन की लूट हो रही है। वे नगर के दिउलिया स्थित भाकपा माले के पार्टी कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। राज्य सचिव ने कहा कि चंपारण में ताजा भूमि लूट का प्रकरण मैनाटांड़ के चिउटाहां गांव में सामने है। जहां 343 मुसहर और गरीब परिवारों द्वारा तीस - पैंतिस वर्षों से जिस भूमि पर खेती बारी की जा रही 200 एकड़ जमीन में तैयार धान की फसल को काटने से जिला प्रशासन ने रोक लगा दिया गया है, यह कार्यवाही बिल्कुल ही कानून विरोधी है। जबकी आम नियम यह है कि जो फसल बोते है, वहीं काटते है। उन्होंने कहा कि इसके विरुद्ध में चंपारण के गरीब मजदूर किसान प्रतिरोध आंदोलन पर उतरेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि चंपारण में भूमि का लूट का मामला विधानसभा और अखिल भारतीय खेत में ग्रामीण मजदूर सभा के (खेग्रामेस) के राष्ट्रीय सम्मेलन में उठाया जाएगा, जो कि जहानाबाद में 19 और 20 नवंबर को आयोजित होने वाला है। राज्य सचिव ने कहा कि भूमि आयोग की सिफारिश के अनुसार पश्चिमी चंपारण की एक लाख सैतीस एकड़ जमीन का भी बंटवारा बिहार सरकार ने नहीं किया है। माले नेता ने कहा कि मोदी राज में पूरे देश की तरह बिहार में भी बड़े बड़े खधान घोटाले हो रहे है। करोड़ों मेहनतकश, जिनके हाथ की रेखा पीस जाती है। उन्हें राशन से वंचित करने का है। भोजन की यह लूट भूख से होने वाली मौतों को बढ़ावा देने वाला है। उन्होंने कहा कि देश में खेती -किसानी की स्थिति बदतर होते जा रही है। किसानों के आत्महत्या का सिलसिला बढ़ते जा रहा है। मोदी सरकार ने विदेशों से चीनी आयात कर चंपारण के किसानों के गन्ना का बकाया भुगतान के रास्ते को ही बंद करने की कोशिश की है। गन्ना किसानों की लूट हो रही है और आने वाले दिनों में गन्ना किसानों को मौत के मुंह में धकेलने की मोदी सरकार ने तैयारी कर ली है। देश के किसान अपनी बदहाली के खिलाफ 29-30 नवंबर को दिल्ली संसद मार्च और प्रदर्शन मार्च का कार्यक्रम कर रहे है। माले नेता ने चंपारण के किसानों को अखिल भारतीय किसान महासभा के नेतृत्व में दिल्ली संसद मार्च के लिए कुच करने का आह्वान किया है। मौके पर खेग्रामस के राज्य अध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता, सुनील यादव, मुख्तार मियां, संजय राम, भिखारी प्रसाद, परशुराम यादव आदि उपस्थित रहे।

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