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छह किलोमीटर ट्रैक की सुरक्षा में कीमैन, नियमित होती गश्ती

बेतिया। रेलवे ट्रैक के प्रत्येक छह किलोमीटर पर एक कीमैन और एक गैंगमैन तैनात किया गया है। ठंड शुरू होने के साथ ही किसी गड़बड़ी अथवा ट्रैक के सिकुड़ने और कतिपय कारणों से नट बोल्ट खुलने जैसी घटनाओं पर वे नजर रखेंगे और त्वरित रेल प्रशासन को अवगत कराएंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 12:15 AM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 06:14 AM (IST)
छह किलोमीटर ट्रैक की सुरक्षा में कीमैन, नियमित होती गश्ती
छह किलोमीटर ट्रैक की सुरक्षा में कीमैन, नियमित होती गश्ती

बेतिया। रेलवे ट्रैक के प्रत्येक छह किलोमीटर पर एक कीमैन और एक गैंगमैन तैनात किया गया है। ठंड शुरू होने के साथ ही किसी गड़बड़ी अथवा ट्रैक के सिकुड़ने और कतिपय कारणों से नट बोल्ट खुलने जैसी घटनाओं पर वे नजर रखेंगे और त्वरित रेल प्रशासन को अवगत कराएंगे। ठंड के मौसम की मार ट्रैक और रेल परिचालन पर नहीं पड़े इसके लिए रेल प्रशासन ने तैयारी की है। अधिकारियों ने बताया कि पिछले छह माह के अंदर ऐसी कोई घटना नहीं घटी है। इस वजह परिचालन में कोई बाधा नहीं पहुंची है। परिचालन निर्विघ्न जारी रहे, इसके लिए अधिकारी सतर्क हैं। इस क्रम में कई कार्य हाईटेक कर दिए गए हैं। जिससे किसी गड़बड़ी की सूचना पहले ही रेलकर्मी को लग जाती है। ताकि रेल यात्री सुरक्षित यात्रा कर सकें। बता दें कि नरकटियागंज से बाल्मीकिनगर और रक्सौल रेल खण्ड में जगह-जगह कीमैन और गैंगमैन कार्यरत है। ये अपने-अपने क्षेत्र में नियमित रूप से गश्ती करते हैं। प्रत्येक दिन इनके द्वारा ट्रैक की व्यवस्था संबंधी रिपोर्ट दी जाती है। ताकि मामूली गड़बड़ी की भी गुंजाइश नहीं रहे और संभावित किसी भी अनहोनी से बचा जा सके। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कीमैन और गैंगमैन प्रतिदिन सुबह 5 बजे से रात्रि तक गश्त करते हैं और रेल अधिकारियों को सूचना देते हैं। की मैंन द्वारा गैंगमैन को सूचना दी जाती है। अगर कोई बड़ी गड़बड़ी हो तो उसकी सूचना वरीय पदाधिकारियों को देते हुए त्वरित अमल किया जाता है। सामान्य भी रहा तो अधिकारी द्वारा ट्रैक का निरीक्षण किया जाता है। ठंड के मौसम में फाग से निपटने के लिए भी रेल प्रशासन तैयारी में जुटी है। वैसे जानकारों का कहना है कि ट्रैक से संबंधित अधिकांश परिस्थितियां अधिक ठंड के साथ बढ़ती हैं।

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इनसेट बयान

नरकटियागंज-बाल्मीकिनगर और रक्सौल रेल खंड में पिछले छह माह के अंदर कोई भी ट्रेन बेपटरी नहीं हुई है। हालांकि चरवाहा या अन्य आसामाजिक तत्वों ने जब ट्रैक का नट बोल्ट खोल दिया जाता है तो तुरंत की मैन के सूचना देने पर उसे ठीक करा दिया जाता है। की मैन ट्रैकों की नियमित निगरानी करते हैं।

सुरेंद्र प्रसाद

पीडब्ल्यूआई, नरकटियागंज


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