इमरती कटहरवा गांव के समीप मसान नदी पर बांध के निर्माण पर नहीं बनी सहमति
बगहा। बगहा अनुमंडल पदाधिकारी शेखर आनंद के साथ ड्रेनेज कंट्रोल के अधिकारियों की टीम प्रख
बगहा। बगहा अनुमंडल पदाधिकारी शेखर आनंद के साथ ड्रेनेज कंट्रोल के अधिकारियों की टीम प्रखंड के इमरती कटहरवा गांव में पहुंची। बांध निर्माण के बाकी रह गए कार्य को पूरा करने का आग्रह किया। पर, मसान नदी पर बांध बनाने को लेकर सहमति नहीं बन सकी। घंटों चली यह वार्ता बेनतीजा रही। इस दौरान अधिकारियों को ग्रामीणों के विरोध का सामना भी करना पड़ा। अधिकारी ग्रामीणों को बांध बनाने के काम को सुचारू करने के लिए आग्रह करते रहे लेकिन ग्रामीण ग्रामीण इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हुए। ग्रामीणों की मांग थी कि अगर बांध बनाया जाता है तो, गांव को भी सुरक्षा प्रदान करना होगा। जिससे मसान नदी के कहर से गांव को बचाया जा सके। इस दौरान ड्रैनेज कंट्रोल विभाग के अधीक्षण अभियंता उमानाथ राम, सहायक अभियंता एलबी गुप्ता, कनीय अभियंता, दीपक कुमार, रमेश प्रसाद के अलावा जिला से आए आपदा प्रबंधन पदाधिकारी अनिल राय डीआरडीए के डायरेक्टर राजेश कुमार, एसडीपीओ अर्जुन लाल, सीओ विनोद मिश्रा, प्रभारी थानाध्यक्ष नितेश कुमार ने ग्रामीणों को समझाने का काफी प्रयास किया। पर, करीब दो घंटे से अधिक चली वार्ता विफल रही ग्रामीण अपने मांग पर अड़े रहे। उल्लेखनीय है कि इस गांव को मसान नदी के कहर से बचाने के लिए इस स्थल पर बांध बनाने की मांग बीते साल से ही हो रही है। जिसके लिए ग्रामीणों से कई बार अधिकारियों की वार्ता हुई। आश्वासन भी दिया गया। इधर दोन कैनाल नहर से लेकर फागुन हटा गांव तक हो रहे बांध को ग्रामीणों ने बनाने से रोक दिया है। साथ हीं ग्रामीणों ने मांग रखी कि पहले इमरती कटहरवा गांव के सुरक्षा को लेकर कार्य किया जाए। हालांकि इस संबंध में ढाई सौ मीटर सुरक्षात्मक कार्य कराने की बात विभाग की तरफ से कही गई है। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि इस बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य से गांव का बचाव नहीं हो सकेगा। कटाव एवं विस्थापन की समस्या पहले की तरह बनी रहेगी। इस जगह पर करीब 850 मीटर सुरक्षात्मक कार्य कराने की मांग ग्रामीण कर रहे हैं। नदी की धारा को मोड़ने के लिए पायलट चैनल बनाने की मांग भी की जा रही है। इस मामले को स्थानीय विधायक भागीरथी देवी ने भी विधानसभा में उठाया था। लेकिन अभी तक इस पर कोई भी कार्य आगे नहीं बढ़ सका है। जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है।