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लोक अदालत में दोनों पक्षों की होती जीत

बेतिया। नेशनल लोक अदालत की अध्यक्षता कर रहे अपर जिला सत्र न्यायाधीश पवन कुमार पांडेय ने कहा कि सफलता पूर्वक जीवन के लिए हाथ मिलाना और वाद को सुलझा लेने में ही समझदारी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 12:16 AM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 06:35 AM (IST)
लोक अदालत में दोनों पक्षों की होती जीत
लोक अदालत में दोनों पक्षों की होती जीत

बेतिया। नेशनल लोक अदालत की अध्यक्षता कर रहे अपर जिला सत्र न्यायाधीश पवन कुमार पांडेय ने कहा कि सफलता पूर्वक जीवन के लिए हाथ मिलाना और वाद को सुलझा लेने में ही समझदारी है। विवादों को जितना बढ़ाएंगे उतना ही बढ़ेगा। इस तरह की सोच से परेशानी ही होगी। शारीरिक, मानसिक क्षति तो होगी ही साथ-साथ आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ता है। वे शनिवार को व्यवहार न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत में पक्षकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ने जोर देकर कहा कि शांतिपूर्ण जीवन के लिए अपने पड़ोसियों से सुंदर व्यवहार करना और विवादों को सलटा कर मिलजुल कर रहने में ही समझदारी है। उन्होंने ने नेशनल लोक अदालत में ज्यादा से ज्यादा मुकदमों का निपटारा करने के लिए पक्षकारों को प्रोत्साहित किया। कहा कि नेशनल लोक अदालत में निष्पादित मुकदमों का कोई अपील नहीं होता है। यहां किसी की हार नहीं होती है। दोनों पक्षों की जीत होती है। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव धीरेंद्र राजा जी ने कहा कि नेशनल लोक अदालत में बिना किसी परेशानी के मुकदमों में सुलह समझौता हो जाता है। आपस में प्रेम भाईचारा कायम हो जाता है।

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इन वादों का हुआ निपटारा

नेशनल लोक अदालत में विभिन्न बैंकों के सबसे ज्यादा निपटारा किया गया। जिसमें सबसे ज्यादा ग्रामीण बैंक के 147 मामले निपटाए गए। जिसकी समझौता राशि 5003697 रही। पंजाब नेशनल बैंक के 111 वादों का निपटारा किया गया, समझौता राशि 4492000 रही। सेंट्रल बैंक के 118 मामलों का निष्पादन किया गया, समझौता राशि 7207695 रही। बैंक ऑफ बडौदा के 24 वादों का निपटारा हुआ, समझौता राशि 1121800 रही। बीसीएनएल के 6, जंगल वाद 6, श्रमवाद के 1 वाद का निष्पादन किया गया। इनमें समझौता राशि क्रमश: 40926, 30,000, 10000 रही। वहीं वैवाहिक वाद से जुड़े 1 वाद का निपटारा किया गया। सबसे अहम 116 अपराध से जुड़े वादों का निपटारा किया गया। सभी वादों का निष्पादन 11 बेंचों के माध्यम से किया गया। पीठासीन पदाधिकारी के रूप में अपर जिला सत्र न्यायाधीश अरूण कुमार शर्मा, अरूण कुमार, सुरेंद्र प्रसाद, एसीजेएम योगेश शरण त्रिपाठी, मुंसफ पंकज पांडेय, केके शाही, मानस कुमार, राज कपूर, मनोज कुमार ने योगदान दिया।


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