जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रहा स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ
बगहा। प्रतिभासंपन्न छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए सरकार ने 2 अक्टूबर 2016 को बिहार स्
बगहा। प्रतिभासंपन्न छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा दिलाने के लिए सरकार ने 2 अक्टूबर 2016 को बिहार स्टूडेंट क्रेडिटकार्ड योजना लागू की। इस योजना के तहत गरीब तबके के छात्र-छात्राओं को सरकार की गारंटी पर एजुकेशन लोन देने का प्रावधान है। बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड स्कीम (बीएससीसीएस) का लाभ ऐसे विद्यार्थी उठा सकते हैं, जो 12वीं की परीक्षा पास कर चुके हैं। इस योजना के तहत गरीब छात्रों को बैंक से आगे की पढ़ाई के लिए लोन मिलता है। इस योजना की खास बात यह है कि इसके तहत लिए गए कर्ज की गांरटर राज्य सरकार खुद है।लेकिन बैंक प्रबंधनों की उदासीनता के कारण यह योजना धरातल पर फलीभूत नहीं हो रही। वर्तमान स्थिति यह है कि बगहा अनुमंडल के करीब दो दर्जन छात्र-छात्राओं का आवेदन लंबित है। जबकि नियमानुसार आवेदन के एक महीने के भीतर सभी प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए। बिहार सरकार की इस स्कीम के शुरु होने के पूर्व छात्र-छात्राओं को स्टार एजुकेशन लोन के लिए आवेदन करना पड़ता था। केंद्र प्रायोजित इस योजना में सबसे अधिक लूटखसोट होती थी। कारण योजना का लाभ बैंक प्रबंधक के स्तर से दिया जाता था। जिसके एवज में दलाल मोटी रकम वसूलते थे। फिलहाल इस योजना के तहत देश के किसी भी संस्थान में पढ़ने के लिए अधिकतम 10 लाख और विदेश में पढ़ाई के लिए अधिकतम 20 लाख रुपये का ऋण देय है। उधर, बिहार स्टूडेंट क्रेडिटकार्ड योजना के लिए आवेदन करने वाले छात्र-छात्राओं का कहना है कि बेव पोर्टल पर कड़ी मशक्कत के बाद आवेदन हो पाता है। इसके बाद प्रमाणपत्र सत्यापन और ऋण के लिए बैंकों का चक्कर काटना पड़ता है। कहते हैं छात्र :-
नगर के मलकौली निवासी राहुल कुमार गुप्ता ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद रेडियोलॉजी कोर्स करने की ठानी। उन्होंने एजुकेशन लोन के लिए आवेदन दिया। लेकिन लंबा वक्त गुजर जाने के बाद भी कोई सूचना नहीं मिली। इस बीच बिहार सरकार की स्टूडेंट क्रेडिटकार्ड स्कीम शुरु हुई। राहुल ने आनलाइन आवेदन किया। प्रमाणपत्रों का सत्यापन भी हुआ, लेकिन बैंकों ने ऋण देने से इंकार कर दिया। राहुल के पिता ब्यास साह राजमिस्त्री का काम करते हैं। बताते हैं कि सरकार की योजनाओं का लाभ सीधे गरीबों को नहीं मिलता। सूद पर रुपये लेकर बेटे की पढ़ाई तो पूरी करा दी। लेकिन यदि सरकारी मदद मिली होती तो फिर परिवार आर्थिक तंगी न झेलता।
मलकौली निवासी सुनील साह के पुत्र अनूप कुमार ने वर्ष 2017 में स्टूडेंट क्रेडिटकार्ड के लिए आवेदन दिया था। सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भुगतान के लिए बैंक का चक्कर काट रहे हैं। अनूप बताते हैं कि ऋण नहीं मिलने के बाद स्नातक में नामांकन लेना पड़ा। घर पर रहकर तैयारी कर रहा हूं। सरकार की मदद मिली होती तो आज मैं किसी अच्छे इंस्टीच्यूट में पढ़ाई कर रहा होता। यह कहानी सिर्फ राहुल या अनूप की नहीं है। दर्जनों छात्र-छात्राएं अव्यवस्था की मार झेल रहे हैं। आवेदन के लिए ये दस्तावेज हैं आवश्यक :-
-आवेदक और सह-आवेदक के आधार कार्ड
-आवेदक और सह-आवेदक का पैनकार्ड
-10वीं और 12वीं के सर्टिफिकेट एवं मार्क्सशीट
-उच्च शिक्षण संस्थान में दाखिले का प्रमाणपत्र
-विद्यार्थी, माता-पिता और गांरटर में से सभी के 2-2 फोटो
-निवास प्रमाण पत्र
-परिवार का आय प्रमाणपत्र और फॉर्म 16
-माता पिता के बैंक खाते का छह महीने का स्टेटस
-आवेदक का पहचानपत्र बयान :-
इच्छुक आवेदक को आनलाइन आवेदन देना होता है। सभी कागजी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद बैंक ऋण उपलब्ध कराता है।
हरिहर प्रसाद, उप शाखा प्रबंधक
स्टेट बैंक, बगहा