अक्षरधाम पंडाल में होगा बांग्लामुखी दुर्गा मां का दर्शन
नगर के पश्चिमी छोर अवस्थित कालीबाग चौक पर मां दुर्गा की पूजा देखते ही बनती है।
बेतिया। नगर के पश्चिमी छोर अवस्थित कालीबाग चौक पर मां दुर्गा की पूजा देखते ही बनती है। यहा हर साल की भांति इस साल भी धूमधाम से पूजा की तैयारी है। कलाकार अनिल कुमार, सूरज कुमार मां लक्ष्मी, गणेश जी, विष्णु भगवान, कार्तिक व सरस्वती मां की मूर्ति को चलंत अवतार का दर्शन श्रद्धालुओं को कराने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं। दुर्गा मां की प्रतिमा अलौकिक व मनभावक होगी। बिजली की चमक और बादलों की गड़गड़ाहट के बीच मां भवानी प्रकट होकर राक्षस का संहार करेंगी। मुजफ्फरपुर से पहुंचे मूर्तिकार संजय प्रसाद प्रतिमा को आकर्षक रूप देने में जुटे हैं। पंडाल निर्माता बबलू कुमार पंडाल को अक्षरधाम मंदिर का स्वरूप देने में जुटे हैं। कलश स्थापना के दिन से ही दोनों समय आरती पूजा होती है। प्रसाद का वितरण किया जाता है। पूजा समिति शांतिपूर्ण आयोजन को लेकर काफी सक्रिय है। पूजा पंडाल के अलावा दोनों तरफ दो भव्य गेट का निर्माण कराया जा रहा है, जो करीब 40 फीट ऊंचा व 30 फीट चौड़ा होगा। गुंबदनुमा गेट भी आकर्षण का केंद्र बनेगा। पूरे पंडाल को दूधिया रोशनी में सजाया जाएगा लाइटिग की विशेष व्यवस्था होगी। विगत 30 वर्षों से होती आ रही भव्य पूजा की खासियत यह है कि निशा पूजा में माता को 56 भोग का चढ़ावा दिया जाता है।
सप्तमी से होगा मां भवानी के रूपों का दर्शन
माँ भवानी की पूजा एकम को ही कलश स्थापना के साथ शुरू हो जाता है सुबह और शाम दोनों समय सामूहिक आरती की जाती है सप्तमी को पट खोला जाता है। सप्तमी से ही माँ भवानी के सभी रूपों का दर्शन हो जाता है उस दिन से ही मेला प्रारंभ हो जाता है। श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगती है। दशमी को विशेष मेला का आयोजन होता है जो दो तीन दिनों तक चलता है
श्रद्धालुओं पर विशेष नजर
मेला में मां भवानी की दर्शन व पूजा-पाठ को लेकर पहुंचे श्रद्धालु भक्तों की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाता है। इसके लिए कमेटी के अध्यक्ष राजा पटेल, सचिव दीपक कुमार, उपाध्यक्ष शशि कुमार, कृष्ण मोहन कुमार, सुशील कुमार, गोल्डी कुमार, कृष्णा सिंह, दीपू कुमार, राहुल कुमार, सूरज कुमार, बादल कुमार सहित सैकड़ों कार्यकर्ता सुरक्षा व्यवस्था में लगे रहते है।
निशा पूजा में 56 भोग का होता चढ़ावा
कलश स्थापना के बाद प्रतिदिन सुबह व संध्या में आरती होती है उसके बाद प्रसाद वितरण करने की परम्परा है निशा पूजा में महिला श्रद्धालुओ की बड़ी संख्या में भीड़ रहती है जा आकर्षण का केंद्र इस पूजा में मां को 56भोग का चढ़ावा दिया जाता है नारियल की बलि दी जाती है।