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    Bihar News: स्पीडी ट्रायल में बाधा डाल रहे डॉक्टर पर कोर्ट सख्त, एसपी को गिरफ्तारी का निर्देश

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 01:03 PM (IST)

    बगहा में महिला और उसके बच्चों को जलाने के प्रयास मामले में कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। गवाह डॉक्टर भीष्म दयाल चौधरी के पेश न होने पर गिरफ्तारी का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने एसपी बेतिया को निर्देश दिया है कि डॉक्टर को गिरफ्तार कर आठ दिसंबर को हर हाल में न्यायालय में प्रस्तुत किया जाए।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, बगहा। नगर थाना क्षेत्र के खिरिया मच्छरगांवा में एक वर्ष पूर्व महिला व उसके तीन बच्चों को जिंदा जलाने के प्रयास से जुड़े मामले में कोर्ट ने महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। इस मामले में एक बच्ची हुस्न आरा की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

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    अपर सत्र न्यायाधीश मानवेंद्र मिश्र की अदालत ने लगातार छह बार गवाही के लिए उपस्थित नहीं होने पर बेतिया में तैनात डॉ. भीष्म दयाल चौधरी के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए उनकी गिरफ्तारी का आदेश जारी किया है।

    कोर्ट ने एसपी बेतिया को निर्देश दिया है कि डॉक्टर को गिरफ्तार कर आठ दिसंबर को हर हाल में न्यायालय में प्रस्तुत किया जाए।

    डॉक्टर पर इससे पहले 15 नवंबर 2025 को जमानतीय वारंट जारी किया जा चुका था, लेकिन इसके बावजूद वे अदालत में उपस्थित नहीं हुए। उच्च न्यायालय पटना ने इस मामले का स्पीडी ट्रायल करने का स्पष्ट निर्देश दिया हुआ है।

    घटना के बाद पीड़ित को न्याय की नई उम्मीद

    घटना 23 मई 2024 की रात की है। खिरिया मच्छरगांवा निवासी सलमान मियां की पत्नी गुड़िया खातून अपने तीन बच्चों रेहान उर्फ रिजवान, अंजुम आरा और हुस्न आरा के साथ फूस की झोपड़ी में सो रही थीं। उसी दौरान लौरिया थाना क्षेत्र के परोरहा बढ़ई टोला निवासी सरफराज मियां पिता अजहर अपने तीन अज्ञात साथियों के साथ वहां पहुंचा और झोपड़ी के ऊपर से पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी।

    अचानक भड़की लपटों से गुड़िया खातून और उनके बच्चे झुलस गए। शोर सुनकर आसपास के लोग पहुंचे और किसी तरह सभी को बाहर निकाला, लेकिन झोपड़ी और उसमें रखी सारी संपत्ति जलकर राख हो गई।

    पीड़िता के पति द्वारा बगहा थाना कांड संख्या 159/24 दर्ज कराई गई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पुराने विवाद को लेकर सरफराज मियां ने घटना से एक दिन पहले मोबाइल पर जान से जलाने की धमकी दी थी। पुलिस ने जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल कर दी है।

    इस मामले के मुख्य अभियुक्त अजहर मियां 28 जुलाई 2024 से जेल में हैं। जबकि मामला अब कोर्ट में स्पीडी ट्रायल के तहत चल रहा है। डॉक्टर की अनुपस्थिति से बाधित हो रही सुनवाई में अब कोर्ट की कठोर कार्रवाई के बाद प्रक्रिया के तेज होने की उम्मीद है।